शोभना शर्मा। इंटरनेट आज हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। चाहे ऑनलाइन शॉपिंग करना हो, सोशल मीडिया चलाना हो या फिर कोई बैंकिंग ट्रांजैक्शन, हर कदम पर इंटरनेट हमारे काम आता है। इस दौरान आपने कई बार वेबसाइट खोलते समय “accept all cookies” या “reject all cookies” का पॉप-अप देखा होगा। अक्सर लोग बिना सोचे-समझे “accept all cookies” पर क्लिक कर देते हैं। लेकिन सवाल यह है कि आखिर ये कुकीज होती क्या हैं और इन्हें स्वीकार करना चाहिए या अस्वीकार? आइए विस्तार से समझते हैं।
कुकीज क्या होती हैं?
कुकीज असल में एक छोटी सी डिजिटल फाइल होती है जो आपके कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल में सेव हो जाती है जब आप किसी वेबसाइट को विजिट करते हैं। यह फाइल उस वेबसाइट को आपकी गतिविधियों को याद रखने में मदद करती है। उदाहरण के लिए, अगर आपने किसी ई-कॉमर्स वेबसाइट पर कोई प्रोडक्ट अपने शॉपिंग कार्ट में डाला है, तो कुकीज यह जानकारी स्टोर कर लेती है। अगली बार जब आप उस वेबसाइट पर जाएंगे तो आपकी शॉपिंग कार्ट वैसी ही मिलेगी।
कुकीज के प्रकार
कुकीज चार तरह की होती हैं और हर एक का अलग उद्देश्य होता है।
जरूरी कुकीज (Necessary Cookies):
ये वेबसाइट की बुनियादी कार्यप्रणाली के लिए जरूरी होती हैं। इनके बिना वेबसाइट सही से काम ही नहीं कर सकती। उदाहरण के लिए, ऑनलाइन पेमेंट गेटवे चलाने में जरूरी कुकीज की अहम भूमिका होती है।सेटिंग कुकीज (Preference Cookies):
ये कुकीज आपकी भाषा, लोकेशन और थीम जैसी सेटिंग्स को याद रखती हैं। इससे हर बार आपको अपनी पसंद दोबारा सेट नहीं करनी पड़ती।डेटा विश्लेषण कुकीज (Analytics Cookies):
ये कुकीज यह रिकॉर्ड करती हैं कि आप वेबसाइट पर कितना समय बिताते हैं, किस पेज पर ज्यादा जाते हैं और क्या सर्च करते हैं। इससे वेबसाइट मालिकों को यूजर की पसंद और जरूरत समझने में मदद मिलती है।विज्ञापन कुकीज (Advertising Cookies):
ये सबसे चर्चित कुकीज हैं। ये आपकी ऑनलाइन गतिविधियों को ट्रैक करके आपको आपकी रुचि के हिसाब से विज्ञापन दिखाती हैं।
कुकीज कैसे काम करती हैं?
मान लीजिए आपने किसी ऑनलाइन स्टोर पर जूते सर्च किए। तुरंत बाद जब आप सोशल मीडिया पर जाते हैं, तो वहां आपको जूतों के विज्ञापन दिखने लगते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि विज्ञापन कुकीज ने आपकी सर्च हिस्ट्री को ट्रैक किया और कंपनियों को आपकी रुचि की जानकारी मिल गई।
कुकीज स्वीकार करने के फायदे
आपको वेबसाइट पर बार-बार लॉगिन नहीं करना पड़ता।
आपकी पसंद की भाषा, जगह और सेटिंग सेव रहती है।
शॉपिंग वेबसाइट्स आपके कार्ट और पसंदीदा प्रोडक्ट्स को याद रखती हैं।
वेबसाइट का उपयोग अधिक आसान और यूजर-फ्रेंडली हो जाता है।
कुकीज स्वीकार करने के नुकसान
आपकी ऑनलाइन गतिविधियों को कंपनियां ट्रैक कर सकती हैं।
आपकी खरीदारी, सर्च और लोकेशन जैसी निजी जानकारी विज्ञापनदाताओं तक पहुंच सकती है।
बार-बार आपके सामने पर्सनलाइज्ड विज्ञापन आते हैं, जिससे आपकी प्राइवेसी प्रभावित होती है।
कुकीज अस्वीकार करने के फायदे और नुकसान
अगर आप “reject all cookies” पर क्लिक करते हैं तो कंपनियां आपकी गतिविधियों को ट्रैक नहीं कर पातीं और आपकी प्राइवेसी सुरक्षित रहती है। लेकिन इसके साथ ही कुछ असुविधाएं भी सामने आती हैं—
आपको हर बार वेबसाइट पर लॉगिन करना पड़ सकता है।
शॉपिंग कार्ट और सेटिंग्स सेव नहीं रहतीं।
वेबसाइट का अनुभव उतना सहज नहीं होता।
प्राइवेसी और सुविधा के बीच संतुलन
कुकीज को लेकर सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जरूरी कुकीज को स्वीकार करना ही होगा क्योंकि इनके बिना वेबसाइट काम नहीं करेगी। लेकिन बाकी कुकीज को लेकर आपके पास विकल्प है। अगर आप चाहते हैं कि आपकी प्राइवेसी सुरक्षित रहे तो केवल आवश्यक कुकीज को ही अनुमति दें और बाकी को अस्वीकार कर दें।
साथ ही, महीने में एक बार अपने ब्राउज़र की कुकीज सेटिंग चेक करना और उन्हें क्लियर करना बेहद जरूरी है। इसके अलावा, आप एड-ब्लॉकर जैसे टूल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं ताकि कंपनियां आपकी गतिविधियों को लगातार ट्रैक न कर सकें।
यूरोप में लागू नियम
2018 से यूरोप में GDPR (General Data Protection Regulation) लागू हुआ है। इसके तहत हर वेबसाइट को यूजर्स को कुकीज स्वीकार या अस्वीकार करने का विकल्प देना जरूरी है। यही वजह है कि आजकल लगभग हर वेबसाइट खोलते समय आपके सामने कुकीज का पॉप-अप दिखाई देता है।
इंटरनेट कुकीज आपके ऑनलाइन अनुभव को बेहतर बनाने का काम करती हैं, लेकिन इनका गलत इस्तेमाल आपकी प्राइवेसी पर असर डाल सकता है। इसलिए समझदारी इसी में है कि आप जरूरी कुकीज को स्वीकार करें और बाकी को अपनी सुविधा और प्राइवेसी के हिसाब से प्रबंधित करें। इस तरह आप न सिर्फ सुरक्षित रहेंगे बल्कि इंटरनेट का सहज अनुभव भी ले सकेंगे।


