शोभना शर्मा। राजस्थान के गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने बुधवार को चित्तौड़गढ़ दौरे के दौरान कांग्रेस और उसके नेताओं पर तीखा हमला बोला। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की बहस की चुनौती को न केवल स्वीकार किया, बल्कि कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह केवल ट्वीट करने की राजनीति कर रही है जबकि भाजपा जनता के बीच जाकर काम कर रही है। जवाहर सिंह बेढ़म चित्तौड़गढ़ में भाजपा कार्यालय में पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद मीडिया से रूबरू हुए। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की हालिया बयानबाजी पर करारा जवाब दिया।
टीकाराम जूली और गहलोत पर पलटवार
मंत्री बेढ़म ने कहा कि उन्होंने मंगलवार रात को टीकाराम जूली का ट्वीट पढ़ा और अशोक गहलोत का बयान सुना। उन्होंने इन दोनों नेताओं पर टिप्पणी करते हुए कहा, “भजनलाल शर्मा जैसे ईमानदार और मेहनती मुख्यमंत्री पर इस प्रकार की बयानबाजी शोभा नहीं देती। कांग्रेस को अपने पांच सालों का आत्ममंथन करना चाहिए। हमारा डेढ़ साल, उनके पूरे कार्यकाल पर भारी है।” उन्होंने कहा कि भजनलाल शर्मा प्रदेश के प्रत्येक जिले में जाकर जनता की समस्याएं सुन रहे हैं, जबकि कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में सिर्फ कुर्सी बचाने की राजनीति की।
जवाब में बहस को दी हरी झंडी
टीकाराम जूली की बहस की चुनौती पर बेढ़म ने सीधा जवाब दिया। उन्होंने कहा, “बहस के लिए हम तैयार हैं, स्थान भी बता देंगे। लेकिन कांग्रेस को पहले यह तय करना चाहिए कि बहस से उन्हें क्या हासिल होगा। क्या वे केवल ट्वीट के जरिये ध्यान खींचना चाहते हैं या वास्तव में जनता के सवालों का सामना करने की हिम्मत रखते हैं?” उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि डोटासरा और जूली में यह प्रतिस्पर्धा चल रही है कि कौन सबसे पहले ट्वीट करता है।
कानून व्यवस्था पर कांग्रेस को घेरा
जवाहर बेढ़म ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के शासनकाल में प्रदेश की कानून व्यवस्था चरमरा गई थी। उन्होंने दावा किया कि टीकाराम जूली के ही विधानसभा क्षेत्र में दलित महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म जैसी घटनाएं हुईं और अपराधियों को खुली छूट मिली। भाजपा सरकार में इन मामलों में गिरावट आई है और कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस का चेहरा जनता के सामने बेनकाब हो चुका है। जब प्रदेश की जनता त्रस्त थी, तब कांग्रेस के नेता होटलों में मौज मस्ती कर रहे थे।”
ममता बनर्जी और अवैध प्रवासियों पर भी टिप्पणी
मंत्री बेढ़म ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चुनाव नजदीक आते ही ममता बनर्जी बेतुके बयान देकर जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रही हैं। राजस्थान में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों और अन्य संदिग्ध विदेशी नागरिकों की पहचान की जा रही है और उन पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा, “हमारी पुलिस सतर्क है और देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।”
25 जून को बताया काला दिवस
मंत्री बेढ़म ने 25 जून 1975 के दिन को भारत के लोकतंत्र का काला दिवस बताते हुए कहा कि यह दिन देश के संविधान और स्वतंत्रता पर हमला था। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कोर्ट के फैसले के बाद आपातकाल थोपकर हजारों नागरिकों को जेल में डाला। कांग्रेस आज संविधान की बात करती है, लेकिन इतिहास गवाह है कि उसी पार्टी ने सबसे पहले संविधान का गला घोंटा।
सकारात्मक राजनीति का संदेश
मंत्री ने अपने बयान के अंत में सभी विपक्षी नेताओं से सकारात्मक राजनीति की अपील की। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार जनता के हित में कार्य करने को प्रतिबद्ध है। सभी दलों को जनता की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए, न कि सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप और सोशल मीडिया की राजनीति में उलझना चाहिए।”