मनीषा शर्मा। भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर 9 महीने 13 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद 19 मार्च को पृथ्वी पर लौट रहे हैं। यह मिशन ऐतिहासिक है क्योंकि विलियम्स और विल्मोर को NASA और Boeing के “क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन” के तहत 8 दिनों के लिए भेजा गया था, लेकिन तकनीकी खराबियों के कारण उनकी वापसी में देरी होती गई। अब स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट इन अंतरिक्ष यात्रियों को वापस ला रहा है। यह स्पेसक्राफ्ट फ्लोरिडा के तट पर सुबह 3:27 बजे समुद्र में लैंड करेगा।
कैसे होगी स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग?
स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर लौटना एक जटिल प्रक्रिया है। नासा के अनुसार, 19 मार्च को सुबह 2:41 बजे डीऑर्बिट बर्न शुरू होगा। इसका मतलब है कि स्पेसक्राफ्ट के इंजन उल्टी दिशा में फायर होंगे, जिससे इसकी गति कम हो जाएगी और यह पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करेगा।
अंतरिक्ष में स्पेसक्राफ्ट की गति 28,000 किमी प्रति घंटा होती है।
पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करते समय पैराशूट की मदद से यह गति घटाकर 32 किमी प्रति घंटा तक लाई जाएगी।
अंत में, यह समुद्र में एक सॉफ्ट लैंडिंग करेगा, जहां स्पेसक्राफ्ट को रिकवर करने के लिए टीमें तैनात होंगी।
सुनीता विलियम्स की भारत यात्रा पर पीएम मोदी का न्योता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुनीता विलियम्स को उनकी सफल वापसी के लिए बधाई दी है। उन्होंने एक पत्र लिखकर उन्हें भारत आने का निमंत्रण दिया। पीएम मोदी ने लिखा, “आपके लौटने के बाद हम आपको भारत में देखने के लिए उत्सुक हैं। भारत के लिए अपनी सबसे शानदार बेटियों में से एक की मेजबानी करना खुशी की बात होगी।” यह भारतीय अंतरिक्ष प्रेमियों और विज्ञान जगत के लिए गर्व की बात है कि एक भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री इतने महत्वपूर्ण मिशन का हिस्सा रही हैं।
सुनीता विलियम्स और विल्मोर के स्पेस मिशन की पूरी कहानी
1. क्यों गए थे सुनीता और विल्मोर अंतरिक्ष में?
NASA और Boeing ने क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन के तहत Starliner स्पेसक्राफ्ट को मानवयुक्त मिशन के रूप में टेस्ट करने के लिए लॉन्च किया था। मिशन की अवधि 8 दिन थी, जिसमें उन्हें स्पेस स्टेशन पर रिसर्च और विभिन्न प्रयोग करने थे।
2. क्या हुआ जो वे अंतरिक्ष में फंस गए?
- Starliner स्पेसक्राफ्ट के 28 में से 5 रिएक्शन कंट्रोल थ्रस्टर फेल हो गए।
- 5 हीलियम लीक हुए, जिससे प्रोपल्शन सिस्टम में दिक्कत आई।
- नासा ने इस स्थिति को असुरक्षित मानते हुए Starliner को बिना अंतरिक्ष यात्रियों के पृथ्वी पर वापस बुला लिया।
3. स्पेसएक्स ने कैसे किया रेस्क्यू?
- नासा ने फैसला किया कि स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए इन अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाया जाएगा।
- क्रू-9 मिशन को SpaceX के द्वारा सितंबर 2024 में लॉन्च किया गया, जिसमें सुनीता और विल्मोर के लिए दो सीटें खाली रखी गईं।
- अब, क्रू-10 मिशन की टीम अंतरिक्ष स्टेशन पहुंच चुकी है और क्रू-9 की टीम को पृथ्वी पर लौटने का आदेश दिया गया है।
स्पेस मिशन से जुड़ी कुछ खास बातें
1. सुनीता विलियम्स का स्पेस में सफर
- सुनीता विलियम्स 5 जून 2024 को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंची थीं।
- उन्होंने अब तक अंतरिक्ष में 377 दिन बिताए हैं।
- वह पहली महिला अंतरिक्ष यात्री हैं जिन्होंने स्पेस में 7 बार वॉक किया है।
2. अंतरिक्ष से पृथ्वी पर लौटने में कितना समय लगता है?
स्पेस स्टेशन से पृथ्वी की दूरी 400 किमी है। वापसी में लगभग 17 घंटे लगते हैं, जिसमें कक्षा छोड़ने से लेकर लैंडिंग तक की प्रक्रिया शामिल होती है।
3. स्पेस में जाने और लौटने की चुनौतियां क्या हैं?
अंतरिक्ष में माइक्रोग्रैविटी के कारण हड्डियों और मांसपेशियों पर प्रभाव पड़ता है।
पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश के दौरान घर्षण से तापमान 1600°C तक पहुंच जाता है।
पैराशूट के जरिए गति को नियंत्रित करना सबसे कठिन चरण होता है।
स्पेसक्राफ्ट की देरी के पीछे पॉलिटिकल कारण?
स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क ने दावा किया कि बाइडेन प्रशासन ने उनकी टीम को सुनीता विलियम्स और विल्मोर को समय से पहले वापस लाने की अनुमति नहीं दी।
फॉक्स न्यूज़ के साथ एक इंटरव्यू में मस्क ने कहा,“दोनों एस्ट्रोनॉट्स को राजनीतिक कारणों से स्पेस स्टेशन में छोड़ दिया गया, जो सही नहीं था।”
पहले तय किया गया था कि क्रू-10 मिशन को नए स्पेसक्राफ्ट से भेजा जाएगा, लेकिन इसमें देरी के कारण पुराने एंड्यूरेंस स्पेसक्राफ्ट का उपयोग किया गया।
अंतरिक्ष मिशन में भारत की भागीदारी
भारत ने भी अपना गगनयान मिशन तैयार कर लिया है, जिसमें भारतीय एस्ट्रोनॉट्स को पहली बार अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।
इस मिशन में भारत ने ISRO और NASA के बीच सहयोग को बढ़ाया है।
सुनीता विलियम्स की वापसी के बाद भारत में अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग और मिशन की प्लानिंग को लेकर नई संभावनाएं खुलेंगी।