मनीषा शर्मा। राजस्थान की राजनीति में एक गहरा void छोड़ते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी का निधन हो गया। वे पिछले दो साल से ब्रेन स्ट्रोक के कारण कोमा में थे और शुक्रवार देर रात उन्होंने अपने निवास पर अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है।
कांग्रेस नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
शनिवार सुबह कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता बीकानेर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला और खाद्य आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा सहित कई नेता दिवंगत नेता के निवास पर पहुंचे। नेताओं ने डूडी को एक संघर्षशील, जमीन से जुड़े और किसानों के सच्चे प्रतिनिधि के रूप में याद किया। गहलोत ने कहा, “रामेश्वर डूडी ने हमेशा किसानों और गरीबों की आवाज को बुलंद किया। उनका निधन कांग्रेस और प्रदेश दोनों के लिए बड़ी क्षति है।”
आज बीकानेर में अंतिम संस्कार
रामेश्वर डूडी का अंतिम संस्कार शनिवार (4 अक्टूबर) सुबह 11 बजे बीकानेर के पूगल रोड बगेची में किया जाएगा। कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के अलावा हजारों की संख्या में ग्रामीण व समर्थक उनके अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए हैं। डूडी के निधन के बाद बीकानेर, नोखा, और आसपास के इलाकों में शोक की लहर है। उनके गांव बिरमसर में मातम छाया हुआ है, जहां लोग अपने नेता को अंतिम विदाई देने उमड़ रहे हैं।
किसानों की बुलंद आवाज थे रामेश्वर डूडी
राजस्थान के किसान आंदोलन और ग्रामीण राजनीति में रामेश्वर डूडी का नाम लंबे समय से सम्मान के साथ लिया जाता रहा है। वे उन नेताओं में से थे जिन्होंने राजनीति की शुरुआत पंचायत स्तर से की और प्रदेश की उच्च राजनीति तक पहुंचे।
डूडी का जन्म बीकानेर जिले के नोखा तहसील के बिरमसर गांव में हुआ था। उन्होंने अपना राजनीतिक करियर पंचायत समिति से शुरू किया और धीरे-धीरे कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार हो गए। वे पंचायत समिति प्रधान, जिला प्रमुख, विधायक और सांसद भी रहे।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे
रामेश्वर डूडी 2013 में बीकानेर जिले की नोखा विधानसभा सीट से विधायक चुने गए और राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बने। इस दौरान उन्होंने विपक्ष की ओर से किसानों, मजदूरों और ग्रामीण जनता के मुद्दे मजबूती से उठाए। उनके भाषण और तर्कसंगत शैली ने उन्हें विपक्ष में मजबूत चेहरा बना दिया था।
दो साल से कोमा में थे
अगस्त 2023 में रामेश्वर डूडी को ब्रेन हैमरेज हुआ था, जिसके बाद उन्हें जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत गंभीर होने पर उन्हें दिल्ली के मेदांता अस्पताल में शिफ्ट किया गया था। डॉक्टरों के अनुसार वे लगातार कोमा में थे। हाल ही में स्वास्थ्य में कोई सुधार न होने पर उन्हें बीकानेर वापस लाया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
परिवार और राजनीतिक विरासत
रामेश्वर डूडी की राजनीतिक विरासत अब उनकी पत्नी सुशीला डूडी आगे बढ़ा रही हैं, जो वर्तमान में नोखा से कांग्रेस विधायक हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज कर अपने पति की राजनीतिक परंपरा को जारी रखा। डूडी परिवार लंबे समय से कांग्रेस संगठन में सक्रिय रहा है और क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ रही है।
प्रदेशभर में शोक की लहर
रामेश्वर डूडी के निधन की खबर फैलते ही प्रदेशभर से श्रद्धांजलि संदेश आने लगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पायलट गुट के नेताओं समेत कई मंत्रियों ने सोशल मीडिया पर संवेदनाएं प्रकट कीं। राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी दुख व्यक्त करते हुए कहा कि “डूडी का निधन राजस्थान की राजनीति और समाज सेवा के लिए अपूरणीय क्षति है।” बीकानेर और आसपास के गांवों में दुकानों और बाजारों में शोक के चलते कुछ स्थानों पर स्वैच्छिक बंद भी देखा गया।


