मनीषा शर्मा। राजस्थान की राजनीति में हाल के दिनों में तनावपूर्ण माहौल देखने को मिल रहा है। रानीवाड़ा विधायक रतन देवासी ने हाल ही में सोशल मीडिया पर यह दावा किया कि उनके परिवार को लगातार धमकियां मिल रही हैं और उनके बच्चों की रेकी की जा रही है। इस खुलासे के बाद रविवार को रानीवाड़ा स्थित कांग्रेस कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक अहम बैठक बुलाई गई। इस बैठक में न केवल विधायक देवासी ने चिंता जताई बल्कि उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से पूर्व मंत्री और सांचौर के पूर्व विधायक सुखराम बिश्नोई पर गंभीर आरोप भी लगाए।
सुखराम बिश्नोई पर अप्रत्यक्ष निशाना
बैठक में विधायक रतन देवासी ने बिना नाम लिए सीधे तौर पर इशारा किया कि उनके खिलाफ होने वाली गतिविधियों के पीछे राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग अराजक तत्वों को पनाह दे रहे हैं, जो लगातार जातिगत और पारिवारिक स्तर पर अभद्र टिप्पणियां कर रहे हैं। देवासी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में जो लोग उनके खिलाफ चुनावी मैदान में नहीं उतर पाए, अब वही लोग उनके विरोधियों को समर्थन देकर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका आरोप है कि इस तरह की गतिविधियों को रोकने की कोई कोशिश नहीं की जा रही, बल्कि इन्हें बढ़ावा दिया जा रहा है।
अपमानजनक टिप्पणियों का आरोप
देवासी ने यह भी आरोप लगाया कि उनके विरोधी लगातार फोटो खींचकर सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर अपमानजनक बातें फैला रहे हैं। इसके बावजूद संबंधित पक्षों की ओर से कोई रोकथाम नहीं की जा रही। उनका कहना था कि यह प्रवृत्ति लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है और इससे राजनीतिक माहौल बिगड़ रहा है।
परिवार की रेकी और सुरक्षा चिंता
बैठक में विधायक देवासी ने अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर सबसे ज्यादा चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हाल की घटनाओं से साफ संकेत मिलते हैं कि उनके परिवार की रेकी की जा रही है। उनके अनुसार, कभी भी उनके परिजनों पर गंभीर वारदात हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह केवल उनके परिवार की सुरक्षा का मामला नहीं है, बल्कि समाज और राजनीति में असहिष्णुता फैलाने की कोशिश है। देवासी ने यह भी बताया कि उनके समर्थक सोमवार को जिला पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत देंगे और इसमें कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगे।
कार्यकर्ताओं की राय और आरोप
बैठक में मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं ने भी अपनी राय रखी। प्रधान प्रतिनिधि राणसिंह भोमिया ने अधिकारियों पर आरोप लगाया कि वे सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं और निष्पक्ष कार्रवाई नहीं कर पा रहे। वहीं, बिश्नोई समाज से जुड़े भीखाराम पुर ने कहा कि चुनाव के दौरान सुखराम बिश्नोई ने खुले तौर पर रतन देवासी को वोट न देने की अपील की थी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि छोटे कार्यकर्ताओं को इस विवाद में घसीटना उचित नहीं है, क्योंकि इसका सीधा असर समाज और पार्टी की एकता पर पड़ता है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और पुरानी खींचतान
रानीवाड़ा और सांचौर विधानसभा क्षेत्र में लंबे समय से राजनीतिक खींचतान देखने को मिलती रही है। रतन देवासी और सुखराम बिश्नोई दोनों ही स्थानीय राजनीति में प्रभावशाली नेताओं के तौर पर माने जाते हैं। पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान भी दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच तनातनी की खबरें सामने आई थीं। देवासी का यह बयान कि उनके परिवार की रेकी हो रही है, इस विवाद को और गंभीर बना रहा है। स्थानीय राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह मामला कांग्रेस पार्टी के भीतर भी मतभेद को गहरा कर सकता है।
पुलिस और प्रशासन पर सवाल
देवासी और उनके समर्थकों ने पुलिस और प्रशासन पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि अधिकारियों पर दबाव है और वे कार्रवाई करने से बच रहे हैं। यदि समय रहते प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया, तो स्थिति गंभीर हो सकती है।
आगे की कार्रवाई
देवासी समर्थकों ने साफ कर दिया है कि वे सोमवार को पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच की मांग करेंगे। उनका कहना है कि यदि समय रहते सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई गई और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन का रास्ता भी अपना सकते हैं।


