शोभना शर्मा। राजस्थान के 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए भाजपा की टिकट घोषणा के बाद राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। इनमें से 4 सीटों पर बागियों ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी थीं, लेकिन पार्टी नेतृत्व की सूझबूझ से 3 बागियों को मना लिया गया है। हालांकि, देवली-उनियारा सीट पर अब भी विरोध के सुर तेज हैं।
सलूंबर से नरेंद्र मीणा ने नहीं लड़ने का ऐलान किया
सलूंबर सीट से भाजपा के बागी नेता नरेंद्र मीणा ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद उपचुनाव न लड़ने का फैसला किया। उनकी इस घोषणा के बाद भाजपा को बड़ी राहत मिली है। इसी तरह, रामगढ़ से 2023 के पूर्व प्रत्याशी जय आहूजा ने भी चुनाव न लड़ने की बात कहकर पार्टी के लिए राहत की स्थिति पैदा कर दी है।
झुंझुनूं और देवली-उनियारा सीट पर अब भी बगावत
हालांकि, देवली-उनियारा और झुंझुनूं सीटों पर अब भी भाजपा को बगावत का सामना करना पड़ रहा है। इन दोनों सीटों पर नाराज नेताओं ने अब तक पार्टी के समर्थन में आने का संकेत नहीं दिया है। झुंझुनूं से बबलू चौधरी, जो पिछली बार की उम्मीदवार थीं, अब भी बागी नामांकन भरने का इरादा जता रही हैं।
देवली-उनियारा में भी भाजपा के पूर्व उम्मीदवार विजय बैंसला टिकट कटने से नाराज हैं। उनके समर्थक लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और पार्टी के फैसले का विरोध कर रहे हैं। भाजपा नेतृत्व को इस सीट पर अब भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का बयान: टिकट कटने से निराशा होती है, बागी कोई नहीं
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा है कि टिकट कटने से नाराजगी स्वाभाविक है, लेकिन पार्टी में कोई बागी नहीं है। उनका दावा है कि सभी बागियों को मना लिया गया है, और पार्टी अब एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि नाराज नेताओं को मनाने का काम मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने खुद संभाला है, और हर सीट पर बागियों को शांत करने के लिए प्रभारी मंत्रियों को विशेष जिम्मेदारी दी गई है।
रामगढ़ में जय आहूजा को मनाने पहुंचे मंत्री
रामगढ़ सीट पर 2023 के पूर्व भाजपा उम्मीदवार जय आहूजा ने मंगलवार को एक महापंचायत आयोजित की, जिसमें उन्होंने कहा कि राजनीति एक दिन आएगी और चली जाएगी, लेकिन उन्होंने चुनाव न लड़ने का फैसला किया है।
जय आहूजा को मनाने के लिए भाजपा के मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म और गौतम कुमार दक पहुंचे थे, और वे उन्हें मनाने में सफल रहे। आहूजा ने इस महापंचायत में भावुक होकर कहा कि राजनीति में आए उतार-चढ़ाव के बावजूद उन्होंने जनता के हित में काम करने का फैसला लिया है।
भाजपा को मिल रही चुनौतियां
उपचुनाव के लिए भाजपा की रणनीति में बागियों को मनाना एक बड़ा कदम साबित हुआ है, लेकिन अभी भी झुंझुनूं और देवली-उनियारा सीटों पर पार्टी को चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इन सीटों पर नाराज नेताओं और उनके समर्थकों का विरोध अब भी बरकरार है, और भाजपा को चुनाव में पूर्ण सफलता के लिए इन विरोधों को शांत करना बेहद जरूरी है।
विपक्ष का दावा: भाजपा सभी 7 सीटें हारेगी
इसी बीच, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने दावा किया है कि भाजपा इन सभी 7 सीटों पर चुनाव हार जाएगी। जूली ने कहा कि भाजपा की अंदरूनी कलह और बगावत उनके चुनाव परिणामों पर भारी पड़ेगी, और कांग्रेस इस उपचुनाव में सभी सीटों पर जीत दर्ज करेगी।


