मनीषा शर्मा। राजस्थान में बढ़ती भीषण गर्मी और लू के प्रकोप के बीच राज्य सरकार की तैयारियों पर सवाल खड़े हो गए हैं। प्रदेश में लगातार तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच रहा है। कई जिलों में पुराने रिकॉर्ड टूट रहे हैं और लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त है। इन हालातों में हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सरकार पर बदइंतजामी का आरोप लगाया है।
अशोक गहलोत ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर सरकार की आलोचना करते हुए लिखा कि लगातार बढ़ते तापमान और लू के प्रकोप को लेकर हाईकोर्ट की चिंता एकदम सही है। उन्होंने कहा कि पिछले साल 30 मई को राजस्थान हाईकोर्ट ने भीषण गर्मी से होने वाली मौतों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार को जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए थे। लेकिन सरकार ने एक साल में भी उन निर्देशों की पालना नहीं की और इस साल भी गर्मी आने तक आमजन की सुरक्षा के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई।
हाईकोर्ट ने लगाई थी सरकार को फटकार
गौरतलब है कि दो दिन पहले ही राजस्थान हाईकोर्ट ने भीषण गर्मी के मद्देनजर राहत व्यवस्था नहीं करने पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। जस्टिस अनूप ढंढ की एकल पीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा था कि अदालत ने पिछले साल भीषण गर्मी को लेकर सरकार को अंतरिम निर्देश जारी किए थे, जिनका पालन अब तक नहीं किया गया। अदालत ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे हालात में अदालत अपनी आंखें बंद नहीं रख सकती।
कोर्ट ने कहा कि अब जबकि चूरू सहित कई जिलों में तापमान 45 डिग्री के पार पहुंच चुका है और गर्मी का विकराल रूप सामने आ रहा है, फिर भी सरकार ने कोई एक्शन प्लान तैयार नहीं किया। अदालत ने आदेश दिया कि सरकार तत्काल एक कोऑर्डिनेशन कमेटी गठित करे, जो भीषण गर्मी से राहत देने के लिए जरूरी कदम उठाए और पूर्व के निर्देशों की पालना सुनिश्चित करे।
गहलोत का सरकार पर हमला
हाईकोर्ट की इस सख्ती के बाद अशोक गहलोत ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश की जनता भीषण गर्मी में बेहाल है, लेकिन सरकार केवल भाषणों और यात्राओं में व्यस्त है। उन्होंने कहा कि यह सरकार संवेदनशीलता और जिम्मेदारी दोनों भूल चुकी है। गहलोत ने कहा कि हाईकोर्ट का हस्तक्षेप यह दिखाता है कि प्रशासन आमजन की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है।