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गजेन्द्र सिंह शेखावत का राहुल गांधी पर तंज: “जननायक जनता बनाती है, पार्टी नहीं”

गजेन्द्र सिंह शेखावत का राहुल गांधी पर तंज: “जननायक जनता बनाती है, पार्टी नहीं”

शोभना शर्मा।  केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा कटाक्ष किया। अपने आवास पर मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि “आज की परिस्थिति में राहुल गांधी की अपनी पार्टी में भी उन्हें नायक मानने को लेकर ऊहापोह की स्थिति है।”
शेखावत ने कहा कि जननायक बनने के लिए केवल प्रचार या पद का होना पर्याप्त नहीं है। जननायक बनने की पहचान जनता के स्नेह, विश्वास और समर्थन से होती है, न कि कागज पर लिखे शब्दों या मंच से बोले गए भाषणों से।

उन्होंने कहा, “कोई व्यक्ति तब तक जननायक नहीं बन सकता जब तक जनता उसे अपना न माने। जनता ही अपने स्नेह और विश्वास से किसी व्यक्ति को नेता बनाती है। यदि राहुल गांधी को जनता नायक के रूप में स्वीकार करेगी, तभी उन्हें वास्तविक समर्थन मिलेगा।” शेखावत ने यह भी कहा कि किसी व्यक्ति को नेता न कोई पार्टी बना सकती है, न कोई दूसरा नेता। जनता ही असली शक्ति है जो तय करती है कि कौन जननायक कहलाने लायक है।

बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर बोले शेखावत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया बयान — जिसमें उन्होंने कहा था कि “राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस ने मिलकर बिहार की शिक्षण प्रणाली को बर्बाद कर दिया” — पर प्रतिक्रिया देते हुए शेखावत ने कहा कि इस कथन में किसी प्रकार की अतिशयोक्ति नहीं है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने बिल्कुल सही कहा है। बिहार कभी ज्ञान, अध्ययन और शिक्षण का वैश्विक केंद्र हुआ करता था। विश्वगुरु का दर्जा प्राप्त करने वाला बिहार आज शिक्षा के मामले में पिछड़ चुका है।” शेखावत ने कहा कि पिछले 50–60 वर्षों में बिहार की शिक्षा व्यवस्था लगातार गिरावट की ओर गई है। कभी बिहार के विश्वविद्यालय देश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में गिने जाते थे, लेकिन अब उनकी स्थिति चिंताजनक है।

एनडीए सरकार में सुधार लेकिन अभी लंबा रास्ता बाकी

शेखावत ने कहा कि एनडीए सरकार के आने के बाद बिहार में कुछ सुधार जरूर हुए हैं। शिक्षा प्रणाली में नई नीतियों और योजनाओं के जरिए सुधार की दिशा में कदम उठाए गए हैं, लेकिन यह भी उतना ही सत्य है कि अभी व्यापक बदलाव की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “यह भूमि, जो कभी भगवान बुद्ध और भगवान महावीर स्वामी की रही है, जहां से धर्म, ज्ञान और अहिंसा का संदेश पूरी दुनिया में गया, वही भूमि अपराध, भ्रष्टाचार और बंदूक संस्कृति की पहचान बन गई थी। अब सुधार के संकेत तो मिल रहे हैं, लेकिन स्थायी परिवर्तन के लिए जनता को सही निर्णय लेना होगा।” उन्होंने उम्मीद जताई कि बिहार की जनता आने वाले चुनावों में राज्य के भविष्य को ध्यान में रखते हुए विवेकपूर्ण निर्णय लेगी।

कफ सिरप विवाद पर शेखावत का बयान

कफ सिरप से जुड़े एक सवाल पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि दवाओं की गुणवत्ता और मानकीकरण के लिए भारत सहित पूरी दुनिया में एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया लागू है।
उन्होंने कहा कि किसी भी दवा को मानव उपभोग के लिए स्वीकृति देने से पहले कठोर परीक्षण और निरीक्षण प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। हर बैच की पहचान, लाइसेंसिंग और टेस्टिंग के लिए सख्त मानक तय किए गए हैं।

शेखावत ने कहा, “मेरा मानना है कि भारत में अंतरराष्ट्रीय मानकों से भी अधिक कठोर नियम लागू हैं। फिर भी अगर किसी कारणवश तकनीकी गलती या रासायनिक प्रतिक्रिया के चलते कोई दवा हानिकारक सिद्ध होती है, तो जिम्मेदार लोगों पर कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए।”
उन्होंने जोर दिया कि ऐसी घटनाओं की पूरी जांच आवश्यक है और भविष्य में ऐसी स्थितियों को रोकने के लिए नीतिगत स्तर पर और सख्ती बरती जानी चाहिए।

जनता के स्नेह से तय होता है असली नेतृत्व

शेखावत ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि राजनीति में लोकप्रियता दिखाने या प्रचार करने से कोई जननायक नहीं बनता। उन्होंने कहा कि “राहुल गांधी जैसे नेताओं को जनता के बीच जाकर उनके विश्वास को जीतना होगा, तभी वे सच्चे नेता कहलाएंगे।” उन्होंने कहा कि जनता ही असली निर्णायक है, जो यह तय करती है कि कौन व्यक्ति उसके भरोसे पर खरा उतरता है और कौन नहीं।

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