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नकल प्रकरण : NSUI का हंगामा; ABVP की प्रांत मंत्री पूनम भाटी पर कार्रवाई की मांग

नकल प्रकरण : NSUI का हंगामा; ABVP की प्रांत मंत्री पूनम भाटी पर कार्रवाई की मांग

मनीषा शर्मा। राजस्थान के जोधपुर में स्थित जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय (JNVU) में शनिवार को उस समय हंगामा मच गया जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की प्रांत मंत्री पूनम भाटी के कथित नकल प्रकरण को लेकर NSUI कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय कार्यालय में प्रदर्शन किया।
एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने सत्ताधारी दल के दबाव में इस पूरे प्रकरण को दबाने की कोशिश की है।

एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने कुलसचिव कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया और आरोपी छात्रनेता पर कार्रवाई की मांग की।
स्थिति बिगड़ती देख कुलसचिव ने एनएसयूआई प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की और तीन सदस्यीय जांच समिति गठित करने का आश्वासन दिया। इसके बाद प्रदर्शन शांत हुआ।

कुलसचिव ने बनाई तीन सदस्यीय जांच समिति

एनएसयूआई के विरोध और हंगामे के बाद विश्वविद्यालय कुलसचिव ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की। यह समिति परीक्षा में नकल प्रकरण से जुड़े सभी पहलुओं की जांच करेगी और रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंपेगी। एनएसयूआई ने कहा कि वह जांच की दिशा पर नजर रखेगी और यदि आरोप सिद्ध होते हैं तो दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करेगी।

NSUI ने लगाया पक्षपात का आरोप

एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष बबलू सोलंकी ने कहा कि पूनम भाटी के नकल प्रकरण को दबाने की कोशिश की गई। उनका आरोप था कि विश्वविद्यालय प्रशासन पर राजनीतिक दबाव बनाया गया ताकि आरोपी को बचाया जा सके। सोलंकी ने कहा, “संगठन सत्ता के दबाव में प्रशासन को झुकाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन NSUI इस प्रकार की राजनीति बर्दाश्त नहीं करेगी। विश्वविद्यालय को निष्पक्षता के साथ जांच करानी होगी।” एनएसयूआई की इस विरोध रैली में प्रदेश महासचिव जितेंद्र कड़ेला, छात्र नेता अभिषेक मेहता, एमएल चौधरी, ऋषि कच्छवाहा और खुशराज देवड़ा सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।

29 सितंबर को हुआ था नकल का खुलासा

यह पूरा मामला 29 सितंबर 2025 को सामने आया जब MA हिंदी सेमेस्टर द्वितीय की परीक्षा के दौरान ABVP की प्रांत मंत्री पूनम भाटी को नकल करते हुए पकड़ा गया। बताया गया कि उन्हें परीक्षा कक्ष में अनुचित सामग्री के साथ पाया गया, जिसके बाद पर्यवेक्षक द्वारा नकल प्रकरण दर्ज किया गया। हालांकि, परीक्षा केंद्र की अधीक्षक सुशीला शक्तावत इस मामले पर कोई स्पष्ट जानकारी देने से बचती रहीं। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, ABVP संगठन के कुछ प्रभावशाली नेताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बनाया ताकि मामले को रफा-दफा किया जा सके।

संगठनों की प्रतिक्रियाएं और विवाद का विस्तार

नकल प्रकरण सामने आने के बाद 30 सितंबर को NSUI, RLP सहित कई अन्य छात्र संगठनों ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। विवाद बढ़ता गया और दो दिनों तक यह मामला छात्र राजनीति का मुख्य विषय बना रहा। संगठनात्मक दबाव के बाद ABVP ने डेढ़ दिन बाद पूनम भाटी से स्पष्टीकरण मांगा। उधर, पूनम भाटी ने दो दिन बाद सोशल मीडिया के माध्यम से अपना पक्ष रखा और खुद को निर्दोष बताया। उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक साजिश है और उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन NSUI ने उनके इस बयान को खारिज करते हुए कहा कि यदि वह निर्दोष हैं तो जांच से डरना नहीं चाहिए।

विश्वविद्यालय प्रशासन की चुप्पी पर सवाल

इस विवाद के दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे। कई छात्र संगठनों का कहना है कि दो दिनों तक विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले को छिपाने की कोशिश की और सार्वजनिक रूप से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया। जब मीडिया ने लगातार दबाव बनाया, तब जाकर प्रशासन ने स्वीकार किया कि परीक्षा के दौरान एक नकल प्रकरण दर्ज हुआ था।
हालांकि, उन्होंने आरोपी छात्रनेता का नाम उजागर करने से परहेज किया। इस पर एनएसयूआई ने कहा कि यदि कोई सामान्य छात्र इस तरह पकड़ा जाता, तो तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई होती, लेकिन सत्ता से जुड़े संगठन के नेता होने के कारण प्रशासन नरमी बरत रहा है।

कुलसचिव की दखल से मामला शांत हुआ

शनिवार को विश्वविद्यालय के केंद्रीय कार्यालय में जब एनएसयूआई के कार्यकर्ता धरने पर बैठे, तब स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी। कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया। इस दौरान पुलिस बल भी मौके पर मौजूद रहा ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे। काफी देर की वार्ता के बाद कुलसचिव ने जांच समिति बनाने और 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने का आश्वासन दिया। इसके बाद एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने धरना समाप्त करने का ऐलान किया।

राजनीतिक असर और छात्र संगठनों में तनातनी

यह मामला अब केवल एक नकल प्रकरण नहीं रह गया है, बल्कि राजस्थान की छात्र राजनीति में सत्ताधारी और विपक्षी संगठनों के बीच टकराव का मुद्दा बन गया है
एनएसयूआई इसे शिक्षा में पारदर्शिता और निष्पक्षता की लड़ाई बता रही है, वहीं एबीवीपी इसे राजनीतिक षड्यंत्र करार दे रही है।

पूनम भाटी, जो खुद एक प्रभावशाली छात्रनेता हैं, उनके खिलाफ आरोप साबित होते हैं तो यह ABVP की साख के लिए बड़ा झटका हो सकता है।
वहीं, NSUI इस मुद्दे को लेकर राज्यभर में आंदोलन की चेतावनी दे चुकी है यदि जांच में ढिलाई बरती गई।

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