शोभना शर्मा । कम सैलरी पाने वाले अक्सर यह शिकायत करते हैं कि महंगाई के चलते वे बचत और निवेश नहीं कर पाते। उनकी सैलरी जरूरी खर्चों में ही निपट जाती है। हालांकि, अगर सही योजना बनाई जाए और खर्चों को नियंत्रण में रखा जाए, तो छोटी सैलरी से भी आप अपने भविष्य के लिए बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। इसके लिए आपको बचत और निवेश की आदत डालनी होगी। चाहे आपकी सैलरी कम हो या ज्यादा, उसमें से एक हिस्सा निवेश करना जरूरी है। SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) एक ऐसा विकल्प है जो छोटी-छोटी रकम से भी आपको करोड़पति बना सकता है।
70:15:15 फॉर्मूला अपनाएं
अगर आपकी सैलरी 20,000 रुपये है, तो आपको 70:15:15 फॉर्मूला अपनाना चाहिए। इसका मतलब है कि अपनी कमाई का 70% हिस्सा रोजमर्रा के खर्चों के लिए, 15% इमरजेंसी फंड के लिए, और 15% निवेश के लिए बचाएं। इस फॉर्मूले से आपको अपने खर्चों और बचत के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।
- 70% खर्चों के लिए:
20,000 रुपये की सैलरी का 70% हिस्सा यानी 14,000 रुपये अपने रोजमर्रा के खर्चों के लिए इस्तेमाल करें। इसमें आपका किराया, राशन, बिल और अन्य आवश्यक खर्चे शामिल होंगे।- 15% इमरजेंसी फंड के लिए:
15% यानी 3,000 रुपये हर महीने इमरजेंसी फंड में डालें। यह फंड आपको किसी अचानक आने वाली आर्थिक समस्या से निपटने में मदद करेगा, ताकि आपको अपने निवेश को छूने की जरूरत न पड़े।- 15% निवेश के लिए:
बाकी के 3,000 रुपये हर महीने SIP में निवेश करें। SIP के जरिए आप म्यूचुअल फंड्स में नियमित रूप से निवेश कर सकते हैं, जिससे आपको लॉन्ग टर्म में बेहतरीन रिटर्न मिल सकता है।
SIP से करोड़पति बनने का तरीका
SIP के जरिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने पर आपको कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है। औसतन म्यूचुअल फंड्स में 12% का रिटर्न मिलता है। यदि आप हर महीने 3,000 रुपये लगातार 30 साल तक SIP में निवेश करते हैं, तो आप कुल 10,80,000 रुपये का निवेश करेंगे। लेकिन, 12% की दर से आपको ब्याज के रूप में 95,09,741 रुपये मिलेंगे, जिससे आपकी कुल पूंजी 1,05,89,741 रुपये हो जाएगी। गर मार्केट की स्थिति बेहतर रही और आपको 14% का रिटर्न मिला, तो आपकी कुल पूंजी 1,66,71,167 रुपये हो सकती है। यह छोटी रकम से बड़ी पूंजी बनाने का एक बेहतरीन उदाहरण है।
SIP: निवेश का सुरक्षित और अनुशासित तरीका
SIP एक मार्केट-लिंक्ड स्कीम है, इसलिए इसका रिटर्न पूरी तरह से बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है। हालांकि, लॉन्ग टर्म में SIP से अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना होती है। यह एक अनुशासित निवेश का तरीका है, जिसमें आप छोटी-छोटी राशि नियमित रूप से निवेश करते रहते हैं। इससे न सिर्फ आपको कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है, बल्कि आपको मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव से भी बचाव मिलता है।
कैसे करें सही SIP चयन
SIP में निवेश करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले, अपने जोखिम सहने की क्षमता का आकलन करें और उसके अनुसार म्यूचुअल फंड का चुनाव करें। अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो इक्विटी म्यूचुअल फंड्स एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं, क्योंकि इसमें लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना होती है। वहीं, अगर आप कम जोखिम वाले निवेश की तलाश में हैं, तो डेट म्यूचुअल फंड्स चुन सकते हैं।
अगर आप कम सैलरी से भी अपने भविष्य के लिए एक बड़ा फंड तैयार करना चाहते हैं, तो SIP एक शानदार विकल्प हो सकता है। 70:15:15 फॉर्मूले को अपनाकर आप अपने खर्चों को मैनेज कर सकते हैं और नियमित रूप से निवेश कर सकते हैं। छोटी रकम से भी बड़ी पूंजी तैयार की जा सकती है, बस जरूरत है अनुशासन और सही योजना की। SIP के जरिए आप न केवल अपने वर्तमान को संभाल सकते हैं, बल्कि अपने भविष्य को भी सुरक्षित कर सकते हैं।