शोभना शर्मा। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत शनिवार को उदयपुर दौरे पर रहे। अपने इस दौरे में उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और राजनीतिक मुद्दों पर बेबाक राय रखी। खासकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के हाल ही में दिए गए बयान “वोट चोर गद्दी छोड़” को लेकर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी। गहलोत ने कहा कि आज देश को कांग्रेस की विचारधारा की सबसे ज्यादा जरूरत है क्योंकि मौजूदा हालातों में लोकतंत्र और भाईचारा खतरे में पड़ता जा रहा है।
चुनाव आयोग पर उठाए सवाल
गहलोत ने चुनाव आयोग की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि आयोग का काम शिकायत मिलने पर जांच करना होता है, लेकिन आज स्थिति उलटी है। जब विपक्ष चुनाव आयोग से सवाल पूछता है, तो उसका जवाब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) देती है। यह लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और चुनाव आयोग के बीच ऐसा समन्वय दिखाई देता है, जिससे आम जनता का विश्वास प्रभावित हो रहा है। गहलोत ने कहा कि वोट चोरी जैसे गंभीर मामलों की जांच करना आयोग की जिम्मेदारी है। लेकिन जब इन मुद्दों को उठाया जाता है तो भाजपा का बचाव सामने आता है। उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक संस्थाओं की विश्वसनीयता को कमजोर करता है और देश में अराजकता का माहौल बनाता है।
“देश को कांग्रेस की विचारधारा की जरूरत”
पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि कांग्रेस की विचारधारा ही ऐसी है, जो जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्रीयता की दीवारों को तोड़कर सबको जोड़ती है। आज जिस तरह देश में समाज को बांटने की कोशिश हो रही है, वह चिंताजनक है। गहलोत ने जोर देकर कहा कि देश को कांग्रेस की विचारधारा की जरूरत है ताकि लोग एक साथ रह सकें और भारत को मजबूत बनाया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस का उद्देश्य सत्ता हासिल करना नहीं बल्कि देश को एकजुट करना है। उनके अनुसार, गांधी, नेहरू और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के आदर्शों पर आधारित कांग्रेस ही वह पार्टी है जो भारत की विविधता और एकता को संभाल सकती है।
शांति और अहिंसा पर विशेष जोर
गहलोत ने उदयपुर के अपने दौरे के दौरान महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के कार्यक्रम में भी भाग लिया। यहां उन्होंने शांति और अहिंसा पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि राजस्थान शायद देश का एकमात्र राज्य है, जहां शांति और अहिंसा विभाग बनाया गया है। गहलोत ने बताया कि उनके मुख्यमंत्री रहते हुए इस विभाग के जरिए हर ब्लॉक में 50 से 150 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया था। इन प्रशिक्षित लोगों ने गांधी जी की विचारधारा और उनके सिद्धांतों को समाज में फैलाने का काम किया। उनके मुताबिक, यह प्रयास इसलिए किया गया ताकि नई पीढ़ी गांधी जी के आदर्शों को समझे और उन्हें जीवन में उतारे।
“गांधी के व्यक्तित्व को नई पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी”
गहलोत ने अपने उदयपुर दौरे में गांधी दर्शन समिति की बैठकों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वे लगातार ऐसी बैठकों में भाग लेते हैं ताकि गांधी जी के व्यक्तित्व और कृतित्व को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जा सके। गहलोत ने प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइंस्टीन के कथन को याद दिलाया—“आने वाली पीढ़ी को विश्वास भी नहीं होगा कि गांधी जैसा व्यक्ति कभी इस धरती पर था।” उन्होंने कहा कि यह कथन गांधी जी की महानता को दर्शाता है और इसलिए हमें आने वाली पीढ़ी को उनके जीवन से परिचित कराना होगा।
बढ़ती हिंसा और ध्रुवीकरण पर चिंता
गहलोत ने देश में बढ़ती हिंसा और जाति-धर्म आधारित ध्रुवीकरण पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह प्रवृत्ति समाज को कमजोर करती है और विकास की राह में रुकावट डालती है। उनके अनुसार, अगर हम गांधी जी की विचारधारा और कांग्रेस के सिद्धांतों को अपनाएं तो देश को इस संकट से बाहर निकाला जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि देश के युवाओं को शांति, प्रेम और अहिंसा का रास्ता दिखाना होगा। राजनीति केवल सत्ता पाने का माध्यम नहीं होनी चाहिए, बल्कि समाज को जोड़ने और मजबूत बनाने का साधन बननी चाहिए।


