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राजस्थान के तीन जिलों में 3 सितंबर को छुट्टी, विधानसभा सत्र भी स्थगित

राजस्थान के तीन जिलों में 3 सितंबर को छुट्टी, विधानसभा सत्र भी स्थगित

मनीषा शर्मा।  राजस्थान में आगामी बुधवार, 3 सितंबर 2025, को राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर एक साथ दो बड़े घटनाक्रम होने जा रहे हैं। एक ओर प्रदेश के तीन प्रमुख जिलों जयपुर, भीलवाड़ा और टोंक में नगरीय निकाय उपचुनाव के चलते अवकाश की घोषणा की गई है, तो दूसरी ओर विधानसभा का मानसून सत्र भी उसी दिन स्थगित रहेगा। राज्य सरकार और विधानसभा सचिवालय द्वारा यह निर्णय एक साथ घोषित किया गया है, जिससे आमजन और कर्मचारियों दोनों के लिए स्थिति स्पष्ट हो गई है।

विधानसभा सत्र स्थगित

राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र 1 सितंबर को शुरू हुआ था। लेकिन सत्र के पहले ही दिन विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखा टकराव देखने को मिला। विपक्षी विधायकों ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की और नारेबाजी भी की। नतीजतन सदन का माहौल गरमा गया और कार्यवाही बाधित हुई। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने स्थिति को देखते हुए सत्र की कार्यवाही को 3 सितंबर तक स्थगित करने की घोषणा कर दी। यह फैसला विपक्ष के लगातार हंगामे और संवेदनशील मुद्दों पर सरकार की जवाबदेही को लेकर खड़े सवालों के बीच लिया गया। इसके चलते 3 सितंबर को भी सदन की कार्यवाही नहीं होगी और अगली बैठक स्थगन के बाद ही तय की जाएगी।

तीन जिलों में छुट्टी की घोषणा

इसी दिन यानी 3 सितंबर को प्रदेश के तीन जिलों – जयपुर, भीलवाड़ा और टोंक में अवकाश की भी घोषणा की गई है। राज्य सरकार ने इस छुट्टी को परक्राम्य लिखित अधिनियम के तहत घोषित किया है, ताकि मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें। इन जिलों में नगरीय निकाय उपचुनाव कराए जा रहे हैं। जयपुर में नगर निगम हेरिटेज के वार्ड नंबर 63 में मतदान होना है। भीलवाड़ा जिले की गुलाबपुरा नगरपालिका के वार्ड नंबर 28 और टोंक जिले की मालपुरा नगर पालिका के वार्ड नंबर 31 व 34 में भी चुनाव कराए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने इन सीटों पर उपचुनाव की अधिसूचना जारी की थी और अब 3 सितंबर को मतदान होगा। मतदान के चलते संबंधित जिलों में अवकाश रहेगा ताकि मतदाता बिना किसी प्रशासनिक बाधा के मतदान केंद्रों तक पहुंच सकें।

जयपुर में बड़ा चुनावी माहौल

जयपुर में नगर निगम हेरिटेज के वार्ड 63 में चुनावी सरगर्मी तेज है। यहां स्थानीय स्तर पर कई दल और निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में हैं। यह वार्ड पहले भी राजनीतिक रूप से संवेदनशील माना जाता रहा है, क्योंकि यहां शहरी समस्याओं जैसे सफाई, पेयजल और यातायात अव्यवस्था जैसे मुद्दे हमेशा चर्चा में रहते हैं। उपचुनाव के चलते जयपुर में मतदान को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। जिला प्रशासन और पुलिस ने संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों की पहचान कर ली है। इसके साथ ही मतदाताओं को जागरूक करने के लिए लगातार अभियान भी चलाया जा रहा है।

भीलवाड़ा और टोंक की स्थिति

भीलवाड़ा के गुलाबपुरा नगरपालिका क्षेत्र के वार्ड नंबर 28 में भी मुकाबला दिलचस्प बना हुआ है। यहां स्थानीय स्तर पर छोटे-छोटे मुद्दे चुनावी राजनीति को प्रभावित कर रहे हैं। नगर पालिका के विकास कार्य, सड़क और सफाई व्यवस्था प्रमुख मुद्दों में शामिल हैं। इसी तरह टोंक जिले की मालपुरा नगरपालिका के वार्ड नंबर 31 और 34 में भी चुनावी सरगर्मी है। इन क्षेत्रों में मतदाता स्थानीय स्तर पर कामकाज, पेयजल आपूर्ति और सार्वजनिक सुविधाओं को लेकर अपने प्रतिनिधियों का मूल्यांकन कर रहे हैं।

विधानसभा और उपचुनाव का तालमेल

3 सितंबर को जहां एक ओर तीन जिलों के मतदाता अपने स्थानीय प्रतिनिधियों का चयन करेंगे, वहीं दूसरी ओर प्रदेश की राजनीति विधानसभा में ठहराव के दौर से गुजर रही होगी। विधानसभा का स्थगित होना और उसी दिन अवकाश की घोषणा होना राज्य की राजनीतिक और प्रशासनिक स्थिति को खास बनाता है। यह स्थिति साफ करती है कि राजस्थान की राजनीति में जहां स्थानीय स्तर पर उपचुनाव का असर है, वहीं राज्यस्तर पर विपक्ष और सरकार के बीच टकराव से विधानसभा की कार्यवाही प्रभावित हो रही है।

अवकाश का महत्व

राज्य सरकार द्वारा घोषित अवकाश न केवल सरकारी कर्मचारियों बल्कि निजी संस्थानों पर भी लागू होगा। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि मतदाता मतदान प्रक्रिया में अधिक से अधिक संख्या में शामिल हों। लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए यह कदम आवश्यक माना जा रहा है।

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