राजस्थान के स्कूल शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने 15 फरवरी को सूर्य सप्तमी के अवसर पर राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व रिकॉर्ड बनाना है।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने सभी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में कहा गया है कि सभी स्कूलों में शिक्षकों और छात्रों को योग्य प्रशिक्षकों द्वारा सूर्य नमस्कार का प्रशिक्षण दिया जाए।
स्कूलों में सूर्य नमस्कार का अभ्यास पहले ही शुरू हो चुका है। सभी छात्रों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने माता-पिता और शिक्षकों के साथ सूर्य नमस्कार करें। 15 फरवरी को सभी स्कूलों में छात्र, अभिभावक, शिक्षक, ग्रामीण एक साथ सूर्य नमस्कार कर विश्व रिकॉर्ड बनाने का प्रयास करेंगे।
अतिरिक्त जानकारी:
सूर्य नमस्कार एक प्राचीन योगिक अभ्यास है जो स्वास्थ्य के लिए कई लाभ प्रदान करता है।
सूर्य नमस्कार से शरीर में रक्त संचार बढ़ता है, मांसपेशियां मजबूत होती हैं, और तनाव कम होता है।
राजस्थान सरकार ने इस कार्यक्रम को स्कूली बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एक अवसर के रूप में देखा है।
सूर्य नमस्कार कैसे करें
सूर्य नमस्कार एक प्राचीन योगिक अभ्यास है जो स्वास्थ्य के लिए कई लाभ प्रदान करता है। यह शरीर में रक्त संचार बढ़ाता है, मांसपेशियों को मजबूत करता है, और तनाव कम करता है। सूर्य नमस्कार करने के लिए, निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
1. ताड़ासन (माउंटेन पोज़)
पैरों को कंधे की चौड़ाई पर फैलाएं।
हाथों को अपने सिर के ऊपर उठाएं, हथेलियां एक-दूसरे का सामना कर रही हों।
अपनी सांस को अंदर लें और अपने रीढ़ को लंबा करें।
अपनी आंखें बंद करें और सूर्य को नमस्कार करें।
2. हस्त उदगातासन (हाथों को ऊपर उठाना)
अपनी सांस को बाहर छोड़ते हुए, अपने हाथों को अपने सिर के ऊपर से पीछे की ओर ले जाएं।
अपनी छाती को ऊपर उठाएं और अपनी पीठ को सीधा रखें।
3. भुजंगासन (कोबरा पोज़)
अपनी सांस को अंदर लेते हुए, अपने शरीर को पीछे की ओर झुकाएं।
अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखें और अपनी छाती को ऊपर की ओर उठाएं।
अपनी गर्दन को सीधा रखें और अपनी आंखों को सामने की ओर रखें।
4. अष्टांग धनुरासन (धनुष पोज़)
अपनी सांस को बाहर छोड़ते हुए, अपने शरीर को आगे की ओर झुकाएं।
अपने हाथों को अपने पैरों के किनारे पर रखें।
अपनी पीठ को वक्र करें और अपनी छाती को नीचे की ओर झुकाएं।
5. अधोमुख श्वानासन (डाउनवर्ड डॉग पोज़)
अपनी सांस को अंदर लेते हुए, अपने शरीर को वापस ऊपर की ओर खींचें।
अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखें और अपनी छाती को ऊपर की ओर उठाएं।
अपनी गर्दन को सीधा रखें और अपनी आंखों को सामने की ओर रखें।
6. अश्व संचालन आसन (घोड़ा संचालन आसन)
अपनी सांस को बाहर छोड़ते हुए, अपने पैरों को पीछे की ओर ले जाएं।
अपने हाथों को अपने पैरों के किनारे पर रखें।
अपनी पीठ को सीधा रखें और अपनी आंखों को सामने की ओर रखें।
7. वज्रासन (वज्र आसन)
अपने घुटनों को मोड़कर, अपने पैरों को अपने पैरों के सामने रखें।
अपने हाथों को अपने घुटनों पर रखें।
अपनी पीठ को सीधा रखें और अपनी आंखें बंद करें।
8. ताड़ासन (माउंटेन पोज़)
अपनी सांस को अंदर लेते हुए, अपने पैरों को कंधे की चौड़ाई पर फैलाएं।
हाथों को अपने सिर के ऊपर उठाएं, हथेलियां एक-दूसरे का सामना कर रही हों।
अपनी रीढ़ को लंबा करें।
अपनी आंखें बंद करें और सूर्य को नमस्कार करें।
सूर्य नमस्कार करने के लिए कुछ सुझाव:
शुरू में, आप कम चरणों से शुरुआत कर सकते हैं और धीरे-धीरे अधिक चरणों में बढ़ सकते हैं।
यदि आपको कोई चोट है, तो आपको सूर्य नमस्कार करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
सूर्य नमस्कार करने से पहले, अपने शरीर को गर्म करने के लिए कुछ मिनट के लिए हल्के व्यायाम करें।
सूर्य नमस्कार करते समय, अपने सांसों पर ध्यान केंद्रित करें।
यदि आपको किसी आसन में कोई परेशानी महसूस हो रही है, तो उसे छोड़ दें और किसी आसान आसन में आ जाएं।
सूर्य नमस्कार एक सुरक्षित और प्रभावी अभ्यास है जो सभी उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है। यह शरीर और मन दोनों के लिए कई लाभ प्रदान करता है।
यह भी पढ़ें : पत्रकारों के मीडिया क्लब अजमेर ( एमसीए ) का हुआ पंजीकरण