शोभना शर्मा। जयपुर और दिल्ली के बीच सफर करने वाले यात्रियों के लिए राहत की खबर है। राजस्थान रोडवेज की सुपर लग्जरी वॉल्वो बस सेवा 20 मई 2025 से एक बार फिर शुरू की जा रही है। पिछले कुछ समय से यह सेवा बंद थी, क्योंकि दिल्ली सरकार ने बीएस-4 तकनीक वाली बसों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। अब रोडवेज प्रशासन को इन बसों के संचालन का परमिट मिल गया है, जिसके बाद सेवा को फिर से बहाल कर दिया गया है।
राजस्थान रोडवेज की चेयरमैन शुभ्रा सिंह ने बताया कि निगम को पांच पुरानी वॉल्वो बसों के संचालन का परमिट मिला है। इन बसों को अब जयपुर और दिल्ली के बीच नियमित रूप से चलाया जाएगा। नए शेड्यूल के अनुसार, जयपुर से दिल्ली के लिए हर दिन छह सुपर लग्जरी वॉल्वो बसें चलेंगी। इनके समय इस प्रकार हैं – सुबह 6 बजे, 9 बजे, 11 बजे, दोपहर 12 बजे, 2 बजे और रात 11 बजे। इसके अलावा, एक वॉल्वो बस अजमेर से सुबह 8:30 बजे जयपुर के लिए रवाना होगी, जो आगे दिल्ली जाएगी।
दिल्ली से जयपुर के लिए भी पांच वॉल्वो बसें संचालित की जाएंगी, जिनके प्रस्थान समय हैं – सुबह 10 बजे, दोपहर 1:30 बजे, शाम 4:30 बजे, रात 9:30 बजे और दिल्ली से अजमेर के लिए रात 11:15 बजे। यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, टिकट बुकिंग की सुविधा ऑनलाइन पोर्टल और रोडवेज के अधिकृत काउंटर पर उपलब्ध करवाई गई है।
नई बहाल की गई इन वॉल्वो बसों में सफर करने के लिए यात्रियों को 750 रुपए किराया चुकाना होगा, जो वर्तमान में चल रही 2×2 एसी बसों से लगभग 200 रुपए अधिक है। अभी एसी बसों का किराया 540 रुपए है। हालांकि, वॉल्वो बसों में अतिरिक्त सुविधाएं और आराम को देखते हुए यह किराया उचित माना जा रहा है। यात्रियों को इसमें बेहतर सीटिंग, एयर सस्पेंशन, वातानुकूलन और कम थकान देने वाली यात्रा सुविधा मिलेगी।
यह सेवा दिल्ली के यात्रियों के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी, विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए जो दिल्ली और जयपुर के बीच दैनिक या नियमित यात्रा करते हैं। गौरतलब है कि पहले वॉल्वो बसों को बीएस-4 मानकों के कारण दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं थी, जिस वजह से सेवा बंद कर दी गई थी। इसके स्थान पर रोडवेज ने साधारण एसी बसें शुरू की थीं, जिनमें यात्रियों को वॉल्वो जैसी सुविधा नहीं मिल पा रही थी।
अब जब परमिट मिल गया है, तो उम्मीद है कि यात्रियों को एक बार फिर उच्च गुणवत्ता की यात्रा सेवा मिलेगी। रोडवेज प्रशासन का कहना है कि भविष्य में और अधिक बसें भी इस रूट पर लगाई जा सकती हैं यदि यात्री संख्या में बढ़ोतरी होती है।