शोभना शर्मा। उदयपुर में रविवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब सज्जनगढ़ सेंचुरी की तलहटी में स्थित बायोलॉजिकल पार्क में भीषण आग लग गई। छुट्टी का दिन होने के कारण बड़ी संख्या में टूरिस्ट पार्क का लुत्फ उठा रहे थे, लेकिन अचानक लगी आग ने वहां मौजूद हर व्यक्ति को हैरान कर दिया। टूरिस्ट जान बचाकर भागते नजर आए, वहीं पिंजरों में बंद वन्यजीव भी भयभीत होकर इधर-उधर दौड़ते रहे।
आग की शुरुआत सुबह 11:45 बजे के आसपास हुई जब पार्क के गोल्फ कार्ट स्टैंड के पास सेंचुरी से सटी दीवार के समीप सूखी घास में आग लगी। चंद मिनटों में यह आग विकराल रूप ले चुकी थी और घास धू-धू कर जलने लगी। आसमान में धुएं का गुबार छा गया और पार्क के स्टाफ व पर्यटक दोनों ही स्तब्ध रह गए।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पार्क प्रशासन ने तुरंत चेतक सर्किल स्थित फायर स्टेशन को सूचना दी। साथ ही, पार्क में घूम रहे सभी पर्यटकों को बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू की गई। कई टूरिस्ट तो आग से डरकर खुद ही भागते नजर आए।
बायोलॉजिकल पार्क में कई वन्यजीव रखे गए हैं, जिनमें बंदर और ऐमू पक्षी प्रमुख हैं। जब आग इन जीवों के पिंजरों तक पहुंचने लगी, तो वे भी बुरी तरह विचलित हो गए। बंदरों की आवाजें गूंजने लगीं और वे पिंजरों में लगातार दौड़ते रहे। ऐमू बर्ड्स ने भी घबराहट में पंख फड़फड़ाना शुरू कर दिया। इस दौरान स्टाफ ने तत्काल फायर सेफ्टी उपकरणों की सहायता से आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू किया।
इसके बाद फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और करीब 1 घंटे 45 मिनट की मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह से नियंत्रण पाया गया। गनीमत यह रही कि इस हादसे में किसी टूरिस्ट या वन्यजीव को कोई शारीरिक क्षति नहीं पहुंची, लेकिन पूरे घटनाक्रम ने प्रशासन की तैयारियों और सुरक्षा उपायों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आग लगने के कारणों की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन प्राइमरी जांच में सूखी घास और तेज गर्मी को संभावित वजह माना जा रहा है। फिलहाल, एहतियात के तौर पर बायोलॉजिकल पार्क को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है और पूरी घटना की जांच की जा रही है।