मनीषा शर्मा, अजमेर । अजमेर और आसपास के क्षेत्रों में रविवार रात से ही लगातार बारिश का दौर जारी है। कभी तेज तो कभी रिमझिम बरसात ने शहर का मौसम खुशनुमा बना दिया। सोमवार सुबह भी बारिश रुक-रुक कर होती रही, जिससे सड़कों पर पानी भर गया और यातायात प्रभावित हुआ। बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई और गर्मी से लोगों को राहत मिली। मौसम विभाग के अनुसार अजमेर जिले में सोमवार के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है।
श्रीनगर तालाब की 50 साल बाद चली चादर
अजमेर के श्रीनगर कस्बे में रविवार को हुई मूसलाधार बारिश के चलते बालद का दड़ा स्थित मुख्य तालाब की चादर 50 साल बाद चली। तालाब का पानी उफान पर आने से आसपास के घरों में पानी घुस गया और बाजार की सड़कें जलमग्न हो गईं। चारभुजा नाथ मंदिर स्थित गुछा और सुनारी गाल भी पानी से लबालब होकर छलक पड़े। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि 1975 के बाद पहली बार तालाब की चादर चली है। इतने लंबे समय बाद इस दृश्य को देखकर ग्रामीणों में खुशी का माहौल है। यह घटना न केवल क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक बनी बल्कि लोगों ने इसे शुभ संकेत भी माना।
कायड़ पुलिया डूबने से ट्रैफिक डायवर्ट
अजमेर में लगातार हो रही बारिश से फूलसागर तालाब का जलस्तर बढ़ गया है। इसके चलते कायड़ पुलिया पर पानी भर गया और पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई। प्रशासन ने तुरंत ट्रैफिक डायवर्ट कर वाहनों को अन्य मार्गों से भेजा। पुलिया के क्षतिग्रस्त होने से स्थानीय लोगों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
आनासागर झील का जलस्तर स्थिर
बारिश के बावजूद अजमेर की प्रसिद्ध आनासागर झील का जलस्तर 10.11 फीट पर स्थिर बना हुआ है। फिलहाल जलस्तर में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा गया, लेकिन प्रशासन ने भारी वर्षा की चेतावनी को देखते हुए पानी की निकासी की प्रक्रिया जारी रखी है।
तापमान में गिरावट से मिली राहत
रविवार को दिन का अधिकतम तापमान 32.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो बारिश के चलते घटकर 30.3 डिग्री पर आ गया। ठंडी हवाओं और लगातार हो रही बारिश ने लोगों को उमस और गर्मी से राहत दी है। मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि आगामी दिनों में भी जिले में बरसात का सिलसिला जारी रह सकता है।
ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति
बारिश का असर न केवल शहर बल्कि ग्रामीण इलाकों पर भी देखने को मिला। बालद का दड़ा के आसपास बने कई मकानों में पानी भर गया। सड़कों और गलियों में पानी बहने से लोगों को आवाजाही में दिक्कत हुई। बाजारों में दुकानों तक पानी घुसने से व्यापारियों को भी नुकसान झेलना पड़ा।