मनीषा शर्मा। राजस्थान के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री, कन्हैयालाल चौधरी, ने राज्य विधान सभा में घोषणा की कि राज्य सरकार पेयजल समस्याओं के समाधान के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में 10% क्षेत्रफल और 5.50% आबादी के बावजूद, कुल जल का केवल 1.30% ही उपलब्ध है। चौधरी ने बताया कि जल जीवन मिशन से प्रदेश को अधिकतम लाभ मिला, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने बिना जल स्रोत के ट्यूबवेल और टंकियों का निर्माण किया, जिससे समस्याएँ उत्पन्न हुईं।
चौधरी ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत केवल 19,336 करोड़ रुपये खर्च किए गए जबकि योजना के लिए 93,426 करोड़ रुपये निर्धारित थे। उन्होंने ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) की चर्चा की, जो पूर्ववर्ती सरकार द्वारा व्यवहार्य नहीं बनाया गया। वर्तमान सरकार ने त्रिपक्षीय एमओयू के तहत संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल (पीकेसी) लिंक परियोजना की डीपीआर तैयार की, जिससे राज्य को 3,400 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा।
जयपुर के लिए ब्राह्मणी नदी लिंक परियोजना भी चल रही है, जिसकी लागत 8,300 करोड़ रुपये है और इससे 500 एमसीएम पानी मिलेगा। इस बार गर्मी के मौसम में 461 करोड़ रुपये खर्च कर टैंकर से पानी की आपूर्ति, हैंड पम्प मरम्मत, और नए हैंड पम्प लगाने के कार्य किए गए। श्री चौधरी ने बताया कि पेयजल कनेक्शनों की संख्या में 40 लाख की वृद्धि की गई है और विभाग में 25 हजार पदों पर भर्ती का प्रस्ताव मांगा गया है।