शोभना शर्मा। राज्य सरकार मोटे अनाज (मिलेट्स) को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान कृषि विभाग ने किसानों को 7 लाख 90 हजार बाजरा और 89 हजार ज्वार के बीज मिनिकिटों का निःशुल्क वितरण किया है। इस पहल का उद्देश्य राज्य में मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ाना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।
बुवाई क्षेत्र की जानकारी
कृषि आयुक्त कन्हैया लाल स्वामी ने जानकारी दी कि खरीफ 2024 के दौरान राज्य में कुल 4,960 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बाजरा और ज्वार की बुवाई की गई है। इसमें से बाजरा की बुवाई 4,304 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में और ज्वार की बुवाई 660.73 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की गई है।
मोटे अनाज के स्वास्थ्य लाभ
मोटे अनाज में बाजरा, ज्वार, रागी और कोंदो जैसे धान्य शामिल हैं, जो प्रोटीन और खनिजों से भरपूर होते हैं। इन अनाजों के औषधीय गुणों के कारण, इनके सेवन से कुपोषण, मोटापा, मधुमेह और हृदय संबंधी बीमारियों से बचाव संभव है। वैज्ञानिकों का कहना है कि भोजन में मिलेट्स का सेवन स्वस्थ शरीर बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कम सिंचाई और कम उपजाऊ भूमि में खेती
मोटे अनाज की खेती कम सिंचाई और कम उपजाऊ भूमि में भी आसानी से की जा सकती है। ये फसलें खाद्यान्न और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का सामना कर सकती हैं। उल्लेखनीय है कि भारत के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित किया था, जिसमें बाजरा, ज्वार और कोंदो सहित आठ मोटे अनाजों को प्रोत्साहित करने की पहल की गई है।