शोभना शर्मा। राजस्थान में बढ़ते कोचिंग संस्थानों के कारोबार और उनसे जुड़ी शिकायतों पर अब सरकार सख्त रुख अपनाने जा रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने “राजस्थान कोचिंग इंस्टिट्यूट कंट्रोल्ड एंड रेगुलेशन बिल 2025” का मसौदा तैयार किया है। यह विधेयक विधानसभा में पेश किया जाएगा और इसके लागू होने के बाद कोचिंग संस्थानों पर नियंत्रण के साथ-साथ छात्रों को बड़ी राहतें मिलने की उम्मीद है।
छात्रों को किस्तों में फीस देने की सुविधा
नए कोचिंग बिल का सबसे अहम प्रावधान फीस संरचना से जुड़ा है। अभी तक कोचिंग संस्थान छात्रों से एकमुश्त फीस वसूलते थे, जिसके कारण छात्र और अभिभावक आर्थिक दबाव में रहते थे। बिल के लागू होने पर अब संस्थानों को फीस चार किस्तों में लेनी होगी। इससे छात्रों और परिवारों पर अचानक बड़े भुगतान का बोझ नहीं पड़ेगा और वे आसानी से पढ़ाई जारी रख सकेंगे।
बीच में पढ़ाई छोड़ने पर फीस वापसी
कई बार निजी कारणों, बीमारी या प्रतियोगी परीक्षाओं की दिशा बदलने के चलते छात्र बीच में ही कोचिंग छोड़ देते हैं। अभी तक कोचिंग संस्थान फीस वापस नहीं करते थे। नए बिल के अनुसार, यदि कोई छात्र बीच में पढ़ाई छोड़ता है तो कोचिंग संस्थान को 10 दिन के भीतर शेष फीस लौटानी होगी। साथ ही हॉस्टल फीस का शेष भाग भी अनिवार्य रूप से लौटाया जाएगा।
निशुल्क स्टडी मटेरियल और नोट्स
अब छात्रों को अतिरिक्त खर्च से राहत देने के लिए बिल में प्रावधान किया गया है कि कोचिंग संस्थान नोट्स और स्टडी मटेरियल मुफ्त उपलब्ध कराएंगे। इस प्रावधान का मकसद छात्रों से बार-बार अतिरिक्त राशि वसूलने पर रोक लगाना है।
किन कोचिंग संस्थानों पर होगा लागू?
नए विधेयक के तहत 100 या उससे अधिक छात्रों वाले कोचिंग संस्थान इसके दायरे में आएंगे।
100 से कम छात्रों वाले संस्थानों को रजिस्ट्रेशन और नियमों से छूट मिलेगी।
प्रत्येक ब्रांच को अलग कोचिंग संस्थान माना जाएगा।
हर तीन साल में रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण अनिवार्य होगा।
नियम उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई
सरकार ने इस विधेयक में कोचिंग संस्थानों को नियमों का पालन कराने के लिए कई प्रावधान किए हैं।
यदि कोई संस्थान बार-बार नियम तोड़ेगा तो उसका रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा।
जरूरत पड़ने पर बकाया राशि वसूलने के लिए संस्थान की संपत्ति तक जब्त की जाएगी।
हर ब्रांच को स्वतंत्र संस्थान मानते हुए उसके खिलाफ अलग से कार्रवाई की जा सकेगी।
जुर्माना राशि में बदलाव
पहले के प्रावधानों में जुर्माना राशि बेहद अधिक थी।
पहले नियम तोड़ने पर 2 लाख रुपए और दूसरी बार 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाता था।
नए संशोधन में इसे घटाकर पहली बार 50 हजार रुपए और दूसरी बार 2 लाख रुपए कर दिया गया है।
इससे छोटे और मध्यम स्तर के संस्थानों पर वित्तीय दबाव कम होगा, लेकिन नियम उल्लंघन की रोकथाम बनी रहेगी।
राजस्थान कोचिंग सेंटर प्राधिकरण का गठन
विधेयक के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सरकार ने राजस्थान कोचिंग सेंटर प्राधिकरण बनाने का निर्णय लिया है।
जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी, जिसे सिविल कोर्ट जैसी शक्तियां दी जाएंगी।
हर जिले में 24 घंटे संचालित होने वाला कॉल सेंटर और शिकायत निवारण समिति होगी।
इस प्राधिकरण की जिम्मेदारी होगी कि छात्रों की शिकायतों का त्वरित समाधान किया जाए।
शिक्षकों पर पाबंदी और काउंसलिंग सेशन
बिल में साफ प्रावधान है कि सरकारी स्कूल और कॉलेजों के शिक्षक अब कोचिंग संस्थानों में पढ़ा नहीं सकेंगे। इसका मकसद सरकारी शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाए रखना है।इसके अलावा कोचिंग संस्थानों को अब छात्रों के लिए काउंसलिंग सेशन आयोजित करने होंगे, ताकि वे मानसिक दबाव और तनाव से बाहर निकल सकें।
सुरक्षा प्रावधान भी होंगे लागू
छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बिल में यह भी प्रावधान है कि
हॉस्टल में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
सुरक्षा गार्ड और अन्य सेफ्टी मेजर अनिवार्य होंगे।
छात्राओं और छात्रों के लिए अलग सुरक्षा नियम लागू किए जाएंगे।
छात्रों और अभिभावकों के लिए बड़ी राहत
यह बिल न केवल छात्रों को आर्थिक बोझ से राहत देगा, बल्कि उन्हें सुरक्षित और पारदर्शी माहौल में पढ़ाई का मौका भी देगा। पढ़ाई छोड़ने पर फीस वापसी, किस्तों में भुगतान और सुरक्षा उपाय जैसे प्रावधान छात्रों के हित में बड़े कदम माने जा रहे हैं।