latest-newsजोधपुरराजस्थान

जोधपुर ACM प्रियंका विश्नोई की मौत: जांच रिपोर्ट पर खड़े हुए सवाल

जोधपुर ACM प्रियंका विश्नोई की मौत: जांच रिपोर्ट पर खड़े हुए सवाल

मनीषा शर्मा। 33 वर्षीय जोधपुर असिस्टेंट कलेक्टर (ACM) प्रियंका विश्नोई की मौत के मामले ने पूरे राजस्थान में हलचल मचा दी है। प्रियंका विश्नोई, जो 2016 बैच की राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) की अधिकारी थीं, का निधन अहमदाबाद के एक अस्पताल में 13 दिन तक चले इलाज के बाद 20 सितंबर को हो गया। उनकी मृत्यु के बाद परिवार ने जोधपुर के वसुंधरा हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रियंका का 5 सितंबर को वसुंधरा हॉस्पिटल में बच्चेदानी का ऑपरेशन हुआ था, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई थी।

अस्पताल पर लगे लापरवाही के आरोप

प्रियंका विश्नोई के परिवार ने दावा किया कि अस्पताल के डॉक्टरों ने इलाज के दौरान लापरवाही बरती, जिससे उनकी स्थिति खराब हुई। परिवार का आरोप है कि ऑपरेशन के दौरान उन्हें अत्यधिक एनेस्थीसिया (बेहोशी की दवा) दिया गया या खून ज्यादा बहा, जिसके चलते उनकी हालत गंभीर हो गई। इसके बाद, प्रियंका को जोधपुर से अहमदाबाद के सिम्स हॉस्पिटल में ले जाया गया, जहां उनका इलाज चला लेकिन बचाया नहीं जा सका।

जांच कमेटी का गठन और रिपोर्ट

प्रियंका विश्नोई की मौत के बाद, उनके परिवार और समाज के लोग हॉस्पिटल के खिलाफ कड़ा विरोध प्रदर्शन करने लगे और एफआईआर दर्ज करने की मांग की। इसके बाद, कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए और एसएन मेडिकल कॉलेज, जोधपुर की एक विशेषज्ञ टीम बनाई गई। इस टीम में गायनिक विभाग की डॉ. रंजना देसाई, मेडिसिन से डॉ. इंदू थावानी, सर्जरी से डॉ. विजय शर्मा, न्यूरोलॉजी से डॉ. शुभकरण खींचड़ और एनेस्थीसिया से डॉ. नवीन पालीवाल शामिल थे।

तीन दिन चली जांच के बाद, शुक्रवार को मेडिकल एक्सपर्ट टीम ने अपनी रिपोर्ट जोधपुर के कलेक्टर गौरव अग्रवाल को सौंप दी। हालांकि, कलेक्टर ने जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से मना कर दिया और कहा कि इसे राज्य सरकार को भेजा जाएगा। कलेक्टर ने यह भी बताया कि इस मामले को गहराई से जांचा जा रहा है और रिपोर्ट को पेशेंट की निजता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार को सौंपा जाएगा ताकि यदि कोई गंभीरता हो तो कार्रवाई की जा सके।

वसुंधरा हॉस्पिटल का बयान

वसुंधरा हॉस्पिटल, जोधपुर के डॉक्टर संजय मकवाना ने इस पूरे मामले पर सफाई देते हुए कहा कि प्रियंका के ऑपरेशन के दौरान कोई सर्जिकल कॉम्प्लिकेशन नहीं था। उनका दावा है कि प्रियंका विश्नोई के ब्रेन में जन्म से एक एवी मालफॉर्मेशन (ब्रेन की पतली दीवार में दोष) था, जो यंग एज में कभी भी लीक हो सकता था। दुर्भाग्यवश, ऑपरेशन के 24 घंटे बाद यह लीक हुआ और उसी दिन से प्रियंका की हालत बिगड़ने लगी। सीटी स्कैन में इस बात की पुष्टि भी हुई थी।

अंतिम संस्कार और विरोध प्रदर्शन

प्रियंका विश्नोई के निधन के बाद, गुरुवार को जब उनका पार्थिव शरीर जोधपुर पहुंचा, तो उनके समाज और परिवार के लोगों ने वसुंधरा हॉस्पिटल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग पर विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन करीब साढ़े चार घंटे तक चला, जिसके बाद परिजन और समाज के लोग शांत हुए और शाम को प्रियंका का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव सुरपुरा, फलोदी में कर दिया गया।

प्रियंका विश्नोई: एक होनहार अधिकारी

प्रियंका विश्नोई 2016 बैच की राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) की अधिकारी थीं। वह अपने कर्तव्य के प्रति समर्पित और समाज सेवा के लिए प्रतिबद्ध थीं। हाल ही में उनका ट्रांसफर नगर निगम उपायुक्त के पद पर हुआ था, लेकिन अस्पताल में इलाज के कारण वह नई पोस्टिंग पर जॉइन नहीं कर पाई थीं। प्रियंका की मृत्यु से उनके परिवार, सहकर्मी और पूरा समाज गहरे शोक में है।

मेडिकल कमेटी की जांच और आगे की कार्रवाई

कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने बताया कि मेडिकल एक्सपर्ट्स की टीम द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट अब राज्य सरकार को सौंपी जा रही है। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में मरीज की निजता और भविष्य की जांच को ध्यान में रखते हुए खुलासा नहीं किया जा सकता। यदि रिपोर्ट में कोई गंभीरता पाई गई, तो आगे की कार्रवाई राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। इस मामले में अस्पताल प्रशासन पर लगे आरोपों के बाद सरकार द्वारा कोई ठोस कदम उठाया जा सकता है, लेकिन फिलहाल सबकी नजरें जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं।

मौत का कारण: मेडिकल जटिलताएं या लापरवाही?

प्रियंका विश्नोई की मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। एक ओर जहां परिवार अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगा रहा है, वहीं अस्पताल प्रशासन इसे दुर्भाग्यवश एक मेडिकल जटिलता मान रहा है। अस्पताल का दावा है कि प्रियंका के ब्रेन में जन्म से मौजूद एवी मालफॉर्मेशन के कारण उनकी मृत्यु हुई। वहीं, प्रियंका के परिवार और समाज का मानना है कि उनकी मौत अस्पताल की लापरवाही का परिणाम है।

राज्य सरकार की भूमिका

इस मामले में राज्य सरकार की भूमिका अहम है। मेडिकल कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार को इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत होगी। प्रियंका विश्नोई जैसे होनहार अधिकारी की असामयिक मौत ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या यह एक मेडिकल जटिलता थी या फिर अस्पताल द्वारा बरती गई लापरवाही? जांच रिपोर्ट और सरकार की कार्रवाई से ही इस प्रश्न का उत्तर मिल सकेगा।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading