शोभना शर्मा। केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गांधी परिवार पर तीखा हमला बोलते हुए कांग्रेस के परिवारवाद की आलोचना की। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष पद पर विपक्ष की ओर से सर्वसम्मति न बनने देने और अपना उम्मीदवार खड़ा करने के फैसले को लेकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। शेखावत ने कहा कि कांग्रेस में परिवारवाद का एक उदाहरण यह भी है कि जहां जीत सुनिश्चित दिखी, वहां सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अब प्रियंका गांधी तक को सीटें बांटी गईं। जैसे कि लोकसभा क्षेत्र उनकी पुश्तैनी जागीर हो, और जहां हार तय नजर आई, वहां पार्टी कार्यकर्ताओं को झोंक दिया गया। उन्होंने इस पर तंज कसते हुए कहा, “पाखंड की अति!”
इसके साथ ही, शेखावत ने आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि आपातकाल भारत की जनभावना को बंदी बनाने का भयावह प्रयास था, जिसने कांग्रेस के चरित्र को देश और दुनिया के सामने उजागर किया। उन्होंने इसे स्वतंत्र भारत के इतिहास का ‘काला दिवस’ करार देते हुए कहा कि यह हमें याद दिलाने के लिए है कि लोकतंत्र और संविधान पर हमला करने वाले लोकतंत्र की शक्ति के आगे टिक नहीं पाते।
शेखावत की टिप्पणियों से यह स्पष्ट है कि वह गांधी परिवार और कांग्रेस के खिलाफ अपनी बात को मजबूती से रखते हैं। लोकसभा अध्यक्ष पद पर विपक्ष की ओर से सर्वसम्मति न बनने देने के विवाद ने भी इस आलोचना को और तेज कर दिया है। शेखावत का यह बयान भारतीय राजनीति में परिवारवाद और लोकतंत्र की रक्षा की बहस को और बढ़ावा देता है।