शोभना शर्मा। तेल विपणन कंपनियों (OMCs) ने एक बार फिर कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कटौती की है। अब 19 किलो वाला कमर्शियल गैस सिलेंडर दिल्ली में 1,580 रुपए में उपलब्ध होगा। इससे पहले कंपनियों ने 1 जुलाई को 58.50 रुपए और अगस्त की शुरुआत में 33.50 रुपए की कटौती की थी। यानी बीते कुछ महीनों में कमर्शियल सिलेंडरों की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। हालांकि, आम घरेलू उपभोक्ताओं को अभी कोई राहत नहीं मिली है। 14.2 किलो वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतें जस की तस बनी हुई हैं। तेल कंपनियों ने साफ किया है कि फिलहाल केवल कमर्शियल सिलेंडरों की दरों में संशोधन किया गया है।
होटल और दुकानदारों को होगा फायदा
विशेषज्ञों का मानना है कि कमर्शियल एलपीजी सिलेंडरों की कीमतों में कटौती का सीधा फायदा होटल, ढाबा, रेस्त्रां और छोटे दुकानदारों को मिलेगा। ये सभी रोजाना बड़े पैमाने पर खाना बनाने और व्यवसायिक उपयोग के लिए कमर्शियल सिलेंडर पर निर्भर रहते हैं। गैस की कीमतें हर महीने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की दरों, विनिमय दर और वैश्विक आपूर्ति-डिमांड स्थिति के आधार पर तय की जाती हैं। यही वजह है कि उपभोक्ताओं को कभी बढ़ोतरी और कभी राहत मिलती है।
घरेलू उपभोक्ताओं को राहत नहीं
जहां कमर्शियल सिलेंडरों की दरें घटाई गई हैं, वहीं घरेलू गैस सिलेंडर उपभोक्ताओं को अभी तक कोई राहत नहीं दी गई है। 14.2 किलो वाले सिलेंडर की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। घरेलू रसोई गैस सीधे तौर पर मध्यवर्गीय परिवारों और गरीब उपभोक्ताओं से जुड़ी है। ऐसे में कीमतों में स्थिरता बनाए रखना सरकार के लिए एक चुनौतीपूर्ण विषय भी है।
उज्ज्वला योजना के तहत नई सब्सिडी
कमर्शियल सिलेंडरों की कीमत घटने के साथ ही केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एक और बड़ा फैसला लिया है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को 300 रुपए प्रति घरेलू सिलेंडर (14.2 किलो) की सब्सिडी दी जाएगी। यह सब्सिडी साल 2025-26 के लिए लागू होगी और इसका लाभ उज्ज्वला योजना के पात्र उपभोक्ताओं को मिलेगा।
12,000 करोड़ रुपए का खर्च
सरकार के इस फैसले से करोड़ों उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
सब्सिडी एक साल के लिए लागू रहेगी।
लाभार्थियों को अधिकतम 9 सिलेंडर (रीफिल) पर सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
जो उपभोक्ता 5 किलो वाले सिलेंडर का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें यह सब्सिडी अनुपातिक रूप से दी जाएगी।
इस योजना पर सरकार का कुल खर्च 12,000 करोड़ रुपए होगा।
उज्ज्वला योजना की पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) की शुरुआत मई 2016 में हुई थी। इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों की महिलाओं को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन उपलब्ध कराना था ताकि वे लकड़ी या गोबर के उपले जैसे पारंपरिक ईंधन के बजाय साफ और सुरक्षित गैस का उपयोग कर सकें। 1 जुलाई 2025 तक देशभर में करीब 10.33 करोड़ उज्ज्वला कनेक्शन दिए जा चुके हैं। यह योजना ग्रामीण और गरीब परिवारों के लिए स्वच्छ ईंधन और स्वास्थ्य सुरक्षा का प्रतीक बन चुकी है।
आर्थिक और सामाजिक असर
विशेषज्ञ मानते हैं कि कमर्शियल सिलेंडर की दरों में कमी और उज्ज्वला योजना में सब्सिडी देने का फैसला आर्थिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर असर डालने वाला है।
कमर्शियल उपभोक्ताओं के लिए – होटल, ढाबा और छोटे व्यापारियों की लागत कम होगी, जिससे खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतें स्थिर रह सकती हैं।
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए – उज्ज्वला सब्सिडी गरीब और निम्न आय वर्ग के परिवारों को बड़ी राहत देगी।
सरकार के लिए – 12,000 करोड़ रुपए का खर्च वित्तीय भार तो बढ़ाएगा, लेकिन सामाजिक दृष्टि से यह फैसला सकारात्मक है।
भविष्य की संभावनाएं
एलपीजी की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर करती हैं। यदि कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं तो आने वाले समय में घरेलू सिलेंडरों की कीमतों में भी कटौती संभव है। सरकार का यह फैसला संकेत देता है कि आने वाले महीनों में वह आम जनता को और राहत देने की दिशा में कदम उठा सकती है।