शोभना शर्मा। राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की सख्त कार्यवाही लगातार जारी है। शनिवार को दौसा जिले में ACB ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। इस बार एजेंसी ने सीओ महवा के लिए काम करने वाले एक एजेंट को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। यह रिश्वत एक पॉक्सो एक्ट के मामले में आरोपी के परिजनों से मांगी गई थी, जिसमें पहले ही डेढ़ लाख रुपये लिए जा चुके थे।
एसीबी मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, दौसा ACB यूनिट को परिवादी द्वारा शिकायत प्राप्त हुई थी कि उसके बेटे के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामले में गिरफ्तारी टालने और मामले में मदद दिलाने के नाम पर रिश्वत मांगी जा रही है। कुल 2 लाख 50 हजार रुपये की डिमांड की गई थी। इस रकम की मांग सीओ महवा, डिप्टी एसपी रमेश तिवारी द्वारा अपने एजेंट विष्णु कुमार मीणा के जरिए की जा रही थी।
पहले ले चुका था डेढ़ लाख, अब 50 हजार लेते पकड़ा गया
परिवादी की शिकायत के आधार पर जब ACB ने प्रारंभिक सत्यापन किया तो पुष्टि हुई कि आरोपी एजेंट पहले ही डेढ़ लाख रुपये ले चुका था। इसके बाद जब वह रिश्वत की शेष राशि में से 50 हजार रुपये लेने के लिए आया, तो ACB ने जाल बिछाकर उसे रंगेहाथ पकड़ लिया। आरोपी की पहचान विष्णु कुमार मीणा के रूप में हुई है, जो दौसा जिले के बालाहेड़ी गांव का रहने वाला है।
सीओ महवा और रीडर की भूमिका संदेह के घेरे में
इस कार्रवाई के बाद ACB ने पूरे मामले की तह में जाकर जांच शुरू कर दी है। अब जांच का फोकस सीओ महवा रमेश तिवारी और उनके रीडर रामदेव पर है, जो परिवादी के बेटे के मामले में लगातार एजेंट विष्णु कुमार के संपर्क में थे। एसीबी के अधिकारियों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में इन दोनों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। फिलहाल दोनों फरार बताए जा रहे हैं और उनकी तलाश की जा रही है।
पॉक्सो एक्ट मामले में की गई थी रिश्वत की मांग
मामले से जुड़ी पृष्ठभूमि के अनुसार, परिवादी के नाबालिग बेटे पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की संभावनाओं के चलते परिवादी से संपर्क कर लगातार दबाव बनाया जा रहा था कि अगर वह जांच अधिकारी से सहयोग चाहता है तो उसे मोटी रकम चुकानी होगी। इस दौरान सीओ महवा के एजेंट विष्णु कुमार ने यह जिम्मा उठाया और सीधे रिश्वत की मांग शुरू कर दी।
एसीबी की टीम कर रही है गहन पूछताछ
एसीबी दौसा के डिप्टी एसपी नवल किशोर मीणा के नेतृत्व में पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। आरोपी एजेंट को गिरफ्तार करने के बाद उससे गहन पूछताछ की जा रही है ताकि इस भ्रष्टाचार चक्र में शामिल अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका स्पष्ट हो सके। एसीबी यह भी जांच कर रही है कि कहीं इस प्रकार की और भी घटनाएं इसी थाने या अधिकारियों के जरिए अंजाम तो नहीं दी जा रही थीं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की लगातार कार्रवाई
राजस्थान में ACB द्वारा पिछले कुछ महीनों से भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ अभियान तेज किया गया है। दौसा की यह ताजा कार्रवाई राज्य सरकार और ACB की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा मानी जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि चाहे पद कितना भी ऊंचा हो, यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत लेते पाया जाता है, तो उसे कानून का सामना करना ही पड़ेगा।