शोभना शर्मा। राजस्थान में एक बार फिर से हाई अलर्ट की स्थिति बन गई है। राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और खेल परिषद के अध्यक्ष व वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नीरज के पवन को जान से मारने की गंभीर धमकी मिली है। यह धमकी ईमेल के जरिए दी गई, जिसमें ना केवल दोनों प्रमुख व्यक्तियों की हत्या की बात कही गई, बल्कि राजधानी जयपुर स्थित एसएमएस स्टेडियम को बम से उड़ाने की भी चेतावनी दी गई है। यह घटना राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है क्योंकि यह पिछले आठ दिनों में छठी ऐसी धमकी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह धमकी मुख्यमंत्री कार्यालय और खेल परिषद की आधिकारिक ईमेल आईडी पर भेजी गई। मेल में बेहद आपत्तिजनक और हिंसक भाषा का प्रयोग करते हुए लिखा गया है कि “अगर रेप पीड़िता को न्याय नहीं मिला, तो मुख्यमंत्री का मर्डर कर दिया जाएगा। उन्हें काट दिया जाएगा।” आईएएस नीरज के पवन को लेकर मेल में लिखा गया कि “उन्हें टुकड़े-टुकड़े कर काले सूटकेस में पैक कर देंगे।”
यह धमकी केवल मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारी तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसमें जयपुर के एसएमएस स्टेडियम को बम से उड़ाने की योजना का भी जिक्र किया गया। मेल में लिखा गया कि यह धमकी इसलिए दी जा रही है ताकि पुलिस का ध्यान एक रेप पीड़िता के केस की तरफ जाए और उसे जल्द न्याय मिले। साथ ही, मेल भेजने वाले ने यह दावा भी किया कि अगर उन्हें गिरफ्तार किया गया तो वे मानसिक बीमारी का बहाना बनाकर खुद को निर्दोष साबित कर देंगे। मेल में लिखा है, “हमारे पास पहले से मानसिक रोगी होने का प्रमाणपत्र है, पुलिस चाहकर भी कुछ नहीं कर पाएगी।”
इससे पहले भी इसी सप्ताह बुधवार को दो मेल भेजे गए थे। पहले मेल में पाकिस्तान का नाम लेते हुए लिखा गया था कि “पाकिस्तान से पंगा मत लीजिए, हमारे पास भारत में कई स्लीपर सेल हैं और ऑपरेशन सिंदूर जैसे मिशन के बाद आपके अस्पतालों को भी उड़ा सकते हैं।” दूसरे मेल में 2023 हैदराबाद की एक घटना का हवाला देते हुए न्याय की मांग की गई और लिखा गया कि “पुलिस कुछ नहीं कर रही, इसलिए धमकी दी जा रही है।”
धमकियों का यह सिलसिला केवल एक सप्ताह में नहीं, बल्कि पिछले कुछ महीनों से लगातार जारी है। 13 मई, 12 मई और 8 मई को भी SMS स्टेडियम को बम से उड़ाने की धमकी मिल चुकी है। हर बार मेल में बम धमाके की धमकी के साथ रेप पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग प्रमुख रही है।
9 मई को जयपुर मेट्रो स्टेशन और ट्रेनों को बम से उड़ाने की धमकी भी एक मेल के जरिए दी गई थी। यह धमकी भी ऑपरेशन सिंदूर के परिप्रेक्ष्य में दी गई थी। हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों की जांच में कोई ठोस सबूत नहीं मिला था।
इससे पहले 20 फरवरी को SMS मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को ईमेल के जरिए धमकी दी गई थी जिसमें अस्पताल को बम से उड़ाने की बात कही गई थी। 22 फरवरी को जब यह मेल देखा गया, तब कॉलेज प्रशासन ने तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित किया था।
4 अक्टूबर को देशभर के 100 से अधिक एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी, जिसमें जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी शामिल था। उस वक्त सीआईएसएफ की आधिकारिक आईडी पर धमकी भरा मेल भेजा गया था जिसमें लिखा गया था- “दुनिया के सबसे ताकतवर देशों से अकेले टक्कर लेते हैं, सब जगह होगा बूम…बूम…बूम।” हालांकि, इस धमकी की भी जांच के बाद कोई बम या संदिग्ध वस्तु नहीं मिली थी।
इन सभी धमकियों से साफ है कि राजस्थान में विशेष रूप से राजधानी जयपुर लगातार आतंक और साइबर धमकियों के निशाने पर है। चाहे वह किसी सामाजिक मुद्दे से जुड़ा विरोध हो या राष्ट्रीय घटनाओं पर प्रतिक्रिया, ईमेल के माध्यम से दी जा रही इस तरह की धमकियां ना केवल सरकार और प्रशासन के लिए चुनौती हैं, बल्कि आम जनता के मन में भी भय का माहौल बना रही हैं।
फिलहाल राजस्थान पुलिस और साइबर सेल मामले की गहनता से जांच कर रहे हैं। मेल भेजने वाले की लोकेशन, पहचान और मानसिक स्थिति का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। सरकार ने मुख्यमंत्री और अन्य प्रमुख स्थलों की सुरक्षा को और सख्त कर दिया है। SMS स्टेडियम, मेट्रो स्टेशन, एयरपोर्ट और अन्य संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। इसके अलावा मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों की निजी सुरक्षा को भी हाई अलर्ट मोड में रखा गया है।
राज्य के गृह विभाग ने भी केंद्रीय एजेंसियों से तकनीकी सहायता मांगी है ताकि मेल की ट्रेसिंग और भेजने वाले तक पहुंचने में तेजी लाई जा सके। सरकार इस पूरे मामले को गंभीरता से ले रही है और जनता से अपील की गई है कि अफवाहों पर ध्यान न दें, लेकिन किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जानकारी दें।