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सीजफायर की अमेरिकी घोषणा पर भड़के पायलट, केंद्र से मांगा जवाब

सीजफायर की अमेरिकी घोषणा पर भड़के पायलट, केंद्र से मांगा जवाब

शोभना शर्मा। राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और टोंक से विधायक सचिन पायलट ने भारत-पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सीजफायर समझौते पर केंद्र सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा है। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर कई गंभीर सवाल उठाए हैं, खासतौर पर इस तथ्य को लेकर कि इस सीजफायर की घोषणा भारत और पाकिस्तान की बजाय किसी तीसरे देश—अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा की गई।

जयपुर में बुधवार को मीडिया से बातचीत के दौरान सचिन पायलट ने कहा कि यह बेहद चौंकाने वाली बात है कि भारत-पाकिस्तान जैसे संवेदनशील देशों के बीच युद्धविराम की जानकारी किसी तीसरे देश के प्रमुख द्वारा सार्वजनिक की जाए। उन्होंने केंद्र सरकार से यह मांग की कि वह देश को बताए कि किस आधार पर, किन शर्तों पर और किन आश्वासनों के बदले यह सीजफायर समझौता हुआ है।

पाकिस्तान की विश्वसनीयता पर उठाए सवाल

सचिन पायलट ने इस सीजफायर को लेकर पाकिस्तान की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि जो देश कुछ ही घंटों में सीजफायर का उल्लंघन कर दे, उस पर भविष्य में भरोसा कैसे किया जा सकता है? उन्होंने पूछा कि क्या केंद्र सरकार को इस बात की गारंटी है कि पाकिस्तान भविष्य में इस सीजफायर का उल्लंघन नहीं करेगा?

पायलट ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा से भारत विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद को बढ़ावा देता आया है। हाल ही में आईएमएफ द्वारा पाकिस्तान को दिए गए भारी ऋण, और अमेरिका द्वारा व्यापार विस्तार की बातों के बीच यह आशंका और भी गहरी हो जाती है कि कहीं पाकिस्तान इस सहायता का दुरुपयोग भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने में न कर दे।

कश्मीर के अंतरराष्ट्रीयकरण पर जताई नाराजगी

सचिन पायलट ने यह भी कहा कि कश्मीर भारत का आंतरिक और द्विपक्षीय मामला है। इसे किसी भी तरह से अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाया जाना या तीसरे देश की मध्यस्थता में लाना न केवल भारत की विदेश नीति के सिद्धांतों के खिलाफ है, बल्कि यह देश की संप्रभुता को भी ठेस पहुंचाता है। उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि इस प्रकार की घोषणाओं से भारत की कूटनीतिक स्थिति को नुकसान पहुंच सकता है।

आतंकवाद के खिलाफ एकजुट भारत

सचिन पायलट ने कहा कि देश की सभी राजनीतिक पार्टियां, सत्तापक्ष और विपक्ष, एकमत हैं कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का पूरी तरह से सफाया किया जाना चाहिए। उन्होंने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम की सराहना करते हुए कहा कि हमारी सेना ने जिस साहस और संकल्प के साथ ऑपरेशन को अंजाम दिया, उसके लिए उन्हें जितनी प्रशंसा मिले, वह कम है।

प्रधानमंत्री के प्रदेश दौरे पर तीखी टिप्पणी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजस्थान दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए सचिन पायलट ने कहा कि प्रधानमंत्री का स्वागत है, लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रधानमंत्री पहले भी कई बार राजस्थान आ चुके हैं और बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर चुके हैं, लेकिन वे घोषणाएं धरातल पर नहीं उतर पाई हैं।

उन्होंने विशेष रूप से ईआरसीपी (ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट) का जिक्र किया और कहा कि इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने का वादा प्रधानमंत्री ने कई बार किया है, लेकिन अब तक इस पर कोई अमल नहीं हुआ है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि अगर प्रधानमंत्री प्रदेश में दौरे पर आ रहे हैं, तो कम से कम इस वादे को पूरा करें और ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करें।

भाजपा सरकार के रवैये को बताया पक्षपातपूर्ण

भाजपा विधायक कंवरलाल के विधानसभा सदस्यता मामले पर बोलते हुए सचिन पायलट ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोर्ट के स्पष्ट आदेश और मापदंड तय होने के बावजूद भाजपा सरकार अपने विधायक को बचाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक तरफ राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता को बिना उचित कारण के समाप्त कर दिया गया था, जबकि दूसरी ओर स्पष्ट स्थिति होने के बावजूद भाजपा विधायक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

 

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