शोभना शर्मा। राजस्थान में एक बार फिर बम धमाके की धमकी ने दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। ताजा मामला जोधपुर जिले से सामने आया है, जहां जिला कलेक्ट्रेट को बम से उड़ाने की धमकी ईमेल के जरिए भेजी गई है। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब इससे ठीक एक दिन पहले राज्य के चार अन्य जिलों—पाली, टोंक, राजसमंद और भीलवाड़ा—के कलेक्ट्रेट को भी इसी प्रकार की धमकी भरे ईमेल प्राप्त हुए थे। इन घटनाओं ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, वहीं पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां चौकसी बरतने में जुट गई हैं।
जोधपुर कलेक्ट्रेट को बम से उड़ाने की धमकी
मंगलवार को प्राप्त चार जिलों के बाद बुधवार 21 मई को जोधपुर कलेक्ट्रेट को धमकी भरा ईमेल मिला, जिसमें साफ तौर पर लिखा गया था कि परिसर को बम से उड़ाया जाएगा। जैसे ही यह जानकारी जिला प्रशासन और पुलिस को मिली, तुरंत पूरे कलेक्ट्रेट परिसर को खाली करवाया गया और सुरक्षा एजेंसियों ने बम स्क्वॉड के साथ मिलकर सघन तलाशी अभियान शुरू किया।
जोधपुर पुलिस, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) और ATS की टीमें मौके पर पहुंचीं और पूरे परिसर को सील कर तलाशी अभियान चलाया। पूरे कलेक्ट्रेट भवन और आसपास के इलाकों में गहन तलाशी ली गई लेकिन कोई संदिग्ध वस्तु नहीं पाई गई। हालांकि, इस घटना के बाद शहर में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है और सभी प्रमुख सरकारी संस्थानों पर नजर रखी जा रही है।
पहले भी चार जिलों को मिली थी धमकी
20 मई को टोंक, पाली, राजसमंद और भीलवाड़ा के कलेक्ट्रेट भवनों को भी इसी प्रकार के धमकी भरे ईमेल प्राप्त हुए थे। सभी जगहों पर सुरक्षा एजेंसियों ने तत्परता से कार्रवाई की, परिसर खाली करवाया गया और बम निरोधक दस्ते को तलाशी के लिए बुलाया गया। हालांकि, इन सभी जगहों पर भी कोई विस्फोटक सामग्री नहीं मिली, जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि ये धमकियां महज डर फैलाने के उद्देश्य से भेजी गई थीं।
लगातार मिल रही धमकियां बनी चिंता का विषय
राज्य में पिछले कुछ हफ्तों से बम धमाकों की धमकियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। इससे पहले जयपुर स्थित सवाई मानसिंह स्टेडियम को भी कई बार बम से उड़ाने की धमकी दी जा चुकी है। अब तक पांच बार एसएमएस स्टेडियम को इसी तरह की धमकी मिली है, लेकिन हर बार सुरक्षा एजेंसियों को वहां से कुछ नहीं मिला।
साथ ही, जयपुर, जोधपुर और अजमेर के बड़े अस्पतालों को भी कुछ सप्ताह पहले धमकी भरे ईमेल मिल चुके हैं, जिनमें बम ब्लास्ट की बात कही गई थी। इन घटनाओं के बाद से राजस्थान के सभी प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया गया है।
मेल भेजने वाले की तलाश में जुटी साइबर टीम
ईमेल भेजने वाले की पहचान करने के लिए साइबर विशेषज्ञों की टीम लगातार प्रयास कर रही है। हालांकि अब तक की जांच में यह सामने आया है कि इन मेल्स को भेजने में VPN (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) का इस्तेमाल किया गया है, जिससे मेल भेजने वाले की लोकेशन ट्रैक करना कठिन हो रहा है।
राजस्थान पुलिस के सूत्रों के अनुसार, यह तकनीक पहले भी कई मामलों में सामने आ चुकी है, जिससे जांच में बाधा आती रही है। इसके अलावा, मेल भेजने वाले ने किसी सार्वजनिक ईमेल सर्वर का उपयोग किया है, जिससे यह स्पष्ट है कि यह एक सुनियोजित सायबर अपराध हो सकता है।
मुख्यमंत्री और आईएएस अधिकारी को भी मिल चुकी है धमकी
ध्यान देने वाली बात यह भी है कि 15 मई को राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नीरज के. पवन को भी जान से मारने की धमकी ईमेल के जरिए दी गई थी। इस घटना के बाद भी सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया था और मुख्यमंत्री की सुरक्षा में इजाफा किया गया था।
इन सभी घटनाओं से यह स्पष्ट है कि राजस्थान में साइबर अपराधियों ने प्रशासनिक और सार्वजनिक संस्थानों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। यह न सिर्फ कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि आमजन की सुरक्षा और मानसिक शांति के लिए भी गंभीर संकट बनकर उभरा है।
क्या कह रही है पुलिस और प्रशासन?
जोधपुर के पुलिस अधीक्षक ने मीडिया को बताया कि धमकी के बाद तुरंत एक्शन लिया गया और पूरे परिसर की तलाशी ली गई। हालांकि कोई बम या विस्फोटक नहीं मिला, लेकिन एहतियात के तौर पर सुरक्षा और बढ़ा दी गई है। उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम टीम को ईमेल के स्रोत की जांच के आदेश दिए गए हैं और जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।