शोभना शर्मा । राजस्थान विधानसभा में सोमवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने घोषणा की कि राज्य के बाहर की महिलाओं को, राज्य के मूल निवासी पुरुषों से विवाह करने पर और राज्य में निवास करने पर, बिना 10 वर्ष की निवास शर्त के ही मूल निवासी प्रमाण पत्र दिया जाएगा। यह निर्णय गृह विभाग, राजस्थान सरकार के 28 अगस्त, 2012 के परिपत्र के अनुसार लिया गया है।
गहलोत ने यह जानकारी प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए पूरक प्रश्नों के जवाब में दी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह नियम राज्य में महिलाओं की सुरक्षा और समता सुनिश्चित करने के लिए है।
इसके अतिरिक्त, गहलोत ने विधायक मनोज कुमार के प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि अन्य राज्यों से राजस्थान में आकर बसे अनुसूचित जाति, जनजाति, एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों की संतान को, यदि वे राज्य में जन्मे हैं, शिक्षा प्राप्त की है, और राज्य सरकार की अनुसूचित सूची में शामिल हैं, तो उन्हें जाति प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है।
इस प्रकार, राजस्थान सरकार ने राज्य के निवासियों के अधिकारों और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। ये नीतियां राज्य में महिलाओं और अन्य समुदायों के लोगों की सुरक्षा और अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए हैं।