मनीषा शर्मा । सोमवार को अजमेर कलेक्ट्रेट पर बेरोजगार युवाओं ने सरकार द्वारा महिलाओं को 50% आरक्षण देने के फैसले के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। युवाओं ने आरोप लगाया कि सरकार का यह निर्णय पुरुष वर्ग के साथ अन्याय है। विरोध जताने के लिए बेरोजगार युवाओं ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और इस निर्णय को वापस लेने की मांग की।
महिलाओ को 50% आरक्षण मिलने से पुरुष छात्र अध्यापक पर भारी असर पड़ेगा
बेरोजगार युवाओं का कहना था कि तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में महिलाओं के आरक्षण को 30% से बढ़ाकर 50% करना अनुचित है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में महिलाएं अपनी प्रतिभा से हर भर्ती परीक्षा में 40-50% सीटें प्राप्त कर रही हैं, जो कि महिला सशक्तिकरण के लिए प्रेरक है। हालांकि, 50% सीटों को महिलाओं के लिए आरक्षित करने से कुल आरक्षण 83.5% हो जाएगा, जिससे पुरुष वर्ग के लिए केवल 12-13% सीटें बचेंगी। युवाओं ने कहा कि इस निर्णय से बीएसटीसी धारक छात्र अध्यापकों पर भारी असर पड़ेगा। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि अधिकतर पुरुष छात्र अध्यापक बेरोजगार हो जाएंगे और अवसाद ग्रस्त हो सकते हैं। उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने की अपील की।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर इस निर्णय को वापस नहीं लिया गया तो पुरुष वर्ग धरातल पर उतरकर गांव और शहरों में व्यापक विरोध प्रदर्शन करेगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस निर्णय से पुरुष वर्ग का रोजगार छीना जा रहा है और उन्हें मानसिक तनाव में डालकर आत्महत्या के लिए मजबूर किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से यही मांग की कि जल्द से जल्द इस निर्णय को वापस लिया जाए।