राजस्थान के टोंक जिले के युवा किसानों ने पॉलीहाउस खेती के माध्यम से बंजर जमीन को सोने की खान में बदल दिया है। वे खीरा, ककड़ी, शिमला मिर्च, टमाटर, करेला, मटर, लौकी सहित कई तरह की सब्जियों और फूलों की खेती कर रहे हैं और सालाना 10 से 15 लाख रुपये तक की कमाई कर रहे हैं।
पॉलीहाउस खेती के फायदे:
जलवायु नियंत्रण: पॉलीहाउस में किसान तापमान, आर्द्रता और प्रकाश को नियंत्रित कर सकते हैं, जिससे फसलों को बेहतर उत्पादन और गुणवत्ता मिलती है।
कम पानी की खपत: पॉलीहाउस में ड्रिप सिंचाई प्रणाली का उपयोग करके पानी की बचत होती है।
कीट-पतंगों से बचाव: पॉलीहाउस में फसलों को कीट-पतंगों से बचाने के लिए कीटनाशकों की आवश्यकता कम होती है।
साल भर खेती: पॉलीहाउस में साल भर खेती की जा सकती है, जिससे किसानों को अधिक मुनाफा होता है।
सरकारी सहायता:
राजस्थान सरकार पॉलीहाउस खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सब्सिडी और अन्य सुविधाएं प्रदान कर रही है।
युवा किसानों के लिए प्रेरणा:
टोंक जिले के युवा किसानों की कहानी उन सभी किसानों के लिए प्रेरणा है जो अपनी किस्मत बदलना चाहते हैं। पॉलीहाउस खेती एक लाभदायक व्यवसाय है जो किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर सकता है।
पॉलीहाउस खेती के बारे में अधिक जानकारी के लिए, किसान कृषि विभाग या हॉर्टिकल्चर डवलपमेंट सोसायटी से संपर्क कर सकते हैं। पॉलीहाउस खेती के लिए विभिन्न योजनाएं और सब्सिडी उपलब्ध हैं, जिनके बारे में किसान ऑनलाइन या कृषि विभाग से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं