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यमुना जल समझौता: राजस्थान को पहले हरियाणा का पानी, फिर अतिरिक्त जल

यमुना जल समझौता: राजस्थान को पहले हरियाणा का पानी, फिर अतिरिक्त जल

शोभना शर्मा । केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जयपुर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में स्पष्ट किया कि यमुना जल समझौते के तहत राजस्थान को तभी अतिरिक्त पानी मिलेगा जब हरियाणा अपने हिस्से का पानी ले लेगा। यह बयान उस समय आया जब केंद्रीय बजट पर चर्चा हो रही थी। खट्टर ने कहा कि हरियाणा को यमुना से 24,000 क्यूसेक पानी मिलता है, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हरियाणा को उसके हिस्से का पूरा पानी मिले।

अतिरिक्त पानी का मुद्दा

खट्टर ने बताया कि बरसात के दिनों में ही यमुना में अतिरिक्त पानी आता है, जिसे पाइपलाइन के माध्यम से अन्य राज्यों में भेजा जा सकता है। इस व्यवस्था के तहत, यदि हरियाणा का हिस्सा पूरा हो जाता है और अतिरिक्त पानी बचता है, तो उसे राजस्थान और अन्य राज्यों को प्रदान किया जाएगा।

राजस्थान के हितों का ध्यान नहीं रखा गया?

विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने यमुना जल समझौते को लेकर बीजेपी सरकार पर आरोप लगाए हैं कि इस समझौते में राजस्थान के हितों का ध्यान नहीं रखा गया है। कांग्रेस का कहना है कि समझौते के अनुसार 24,000 क्यूसेक पानी पहले हरियाणा को देने का कोई प्रावधान नहीं है। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि इस समझौते में हरियाणा को जल वितरण का मुख्याधिकार दिया गया है, जो कि अन्य राज्यों के लिए अनुचित है।

बजट और राजस्थान

केंद्रीय मंत्री खट्टर ने यह भी कहा कि केंद्रीय बजट से राजस्थान को भी कई लाभ होंगे। उन्होंने बताया कि बजट में बेरोजगारी खत्म करने और उद्योग तथा इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया गया है। इसके अलावा, एससी-एसटी के विकास के लिए ‘पीएम जनमन योजना’ की घोषणा की गई, जिसमें राजस्थान के बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर ग्रामीण और प्रतापगढ़ जिलों को शामिल किया गया है।

यमुना जल समझौते पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के बयान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राजस्थान को पहले हरियाणा के हिस्से का पानी मिलना अनिवार्य है। यह मामला भविष्य में दोनों राज्यों के बीच जल विवाद का कारण बन सकता है।

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