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राजस्थान में चतुर्थ श्रेणी और ड्राइवर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा हुई अनिवार्य

राजस्थान में चतुर्थ श्रेणी और ड्राइवर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा हुई अनिवार्य

शोभना शर्मा।    राजस्थान की कैबिनेट बैठक में रविवार को कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, जिनका असर प्रदेश के रोजगार, उद्योग, और पर्यावरण पर पड़ेगा। सबसे बड़ा निर्णय यह हुआ कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और ड्राइवर की भर्ती अब लिखित परीक्षा के माध्यम से होगी। इस भर्ती के लिए शैक्षणिक योग्यता को भी बढ़ाया गया है। अब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के लिए न्यूनतम योग्यता 10वीं पास होना अनिवार्य कर दी गई है, जबकि पहले यह 8वीं पास थी। इसके अलावा, सोलर प्रोजेक्ट, ग्रेड पे में बदलाव और निवेश प्रोत्साहन योजना को लेकर भी अहम निर्णय लिए गए हैं।

चतुर्थ श्रेणी और ड्राइवर भर्ती में बदलाव

कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने प्रेस वार्ता में बताया कि राजस्थान में 60 हजार चतुर्थ श्रेणी और 23 हजार ड्राइवर के पद खाली हैं। इन पदों की भर्ती अब लिखित परीक्षा के माध्यम से होगी, जिससे भर्ती प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी बनेगी। इसके साथ ही चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के लिए शैक्षणिक योग्यता को बढ़ाकर 10वीं कर दिया गया है, जो पहले 8वीं पास थी। इस निर्णय का उद्देश्य राज्य के कर्मचारियों की गुणवत्ता और दक्षता में सुधार करना है।

जैसलमेर में 2600 मेगावाट सोलर प्रोजेक्ट

कैबिनेट बैठक में जैसलमेर में 2600 मेगावाट का सोलर प्रोजेक्ट लगाने के लिए भूमि आवंटन को मंजूरी दी गई। सरकार का उद्देश्य राजस्थान को बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है। कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि सरकार ने अब तक 10,418 हेक्टेयर जमीन सोलर और विंड प्रोजेक्ट्स के लिए आवंटित की है, और आज की बैठक में भी विभिन्न कंपनियों को सोलर प्रोजेक्ट के लिए भूमि देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।

खेजड़ी और अन्य पेड़ संरक्षण

पश्चिमी राजस्थान में सोलर और विंड प्रोजेक्ट्स के तहत कई पेड़ों को काटा जा रहा था, जिनमें खेजड़ी के पेड़ भी शामिल थे। इसका स्थानीय स्तर पर विरोध हो रहा था। कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि अब कंपनियों को यह निर्देश दिया गया है कि पेड़ों को काटने से बचा जाए। यदि पेड़ काटने की जरूरत पड़े तो कंपनियों को इसके बदले में दोगुने पेड़ लगाने होंगे। यह निर्णय पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।

ग्रेड पे में बदलाव

राजस्थान सरकार ने मंत्रालयिक कर्मचारियों की ग्रेड पे में वृद्धि का भी फैसला किया है। अब इन कर्मचारियों को L-15 (6000) की जगह L-16 (6600) पे स्केल मिलेगा। इस निर्णय से राज्य के कर्मचारियों को आर्थिक लाभ होगा। राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राज सिंह चौधरी ने इस निर्णय पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आभार व्यक्त किया।

राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (RIPS)-2024

कैबिनेट ने राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (RIPS)-2024 को भी मंजूरी दे दी है। उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने कहा कि इस योजना के तहत अब न्यूनतम निवेश सीमा 50 करोड़ से घटाकर 25 करोड़ कर दी गई है, जबकि पर्यटन क्षेत्र के लिए यह सीमा 10 करोड़ रखी गई है। इस नई नीति के अंतर्गत पहले से चल रही यूनिट्स को भी शामिल किया जाएगा, जिससे राज्य में अधिक से अधिक निवेश आ सके और आर्थिक विकास हो सके।

स्वतंत्र पत्रकारों के लिए मान्यता की शर्तों में छूट

कैबिनेट बैठक में स्वतंत्र पत्रकारों के लिए भी एक बड़ा निर्णय लिया गया। अब स्वतंत्र पत्रकारों को मान्यता देने की उम्र को 50 वर्ष से घटाकर 45 वर्ष कर दिया गया है। साथ ही, अनुभव की शर्त को भी 10 वर्ष से घटाकर 15 वर्ष कर दिया गया है। यह निर्णय पत्रकारिता के क्षेत्र में नए अवसर और विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है।

अन्य महत्वपूर्ण फैसले

सरकार ने पंचायतीराज विभाग में समान पदों का एक समान पदनाम लागू करने का भी निर्णय लिया है, और इसकी भर्ती प्रक्रिया को भी कर्मचारी चयन बोर्ड के अधीन कर दिया गया है। इसके साथ ही सफाईकर्मियों की भर्ती में अब 2 साल का अनुभव अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि सफाई सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार किया जा सके।

कांग्रेस सरकार पर निशाना

कैबिनेट बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकार ने संविदा कर्मियों के साथ अन्याय किया था। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश को आर्थिक रूप से स्थिर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और संविदाकर्मियों को न्यूनतम वेतन और समय पर वेतन सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठा रही है। कई स्थानों से शिकायतें मिली थीं, जिन्हें अब दुरुस्त किया जा रहा है।

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