latest-newsदेशराजस्थानहेल्थ

World Food Safety Day 2025: खराब भोजन से हो सकती हैं ये बीमारियां

World Food Safety Day 2025: खराब भोजन से हो सकती हैं ये बीमारियां

शोभना शर्मा।  हर साल 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (World Food Safety Day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य दुनियाभर के लोगों को इस बात के प्रति जागरूक करना है कि हम जो खाना खाते हैं वह कितना सुरक्षित है। 2025 में इस दिवस की थीम है – “Food Safety: Science in Action” यानी “खाद्य सुरक्षा: विज्ञान के साथ एक्शन में”। यह थीम दर्शाती है कि फूड सेफ्टी अब केवल सावधानी नहीं बल्कि एक वैज्ञानिक प्रक्रिया बन चुकी है, जिससे हम दूषित भोजन से होने वाली बीमारियों को रोक सकते हैं।

WHO के आंकड़े: चिंताजनक हैं हालात

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल दुनिया में करीब 60 करोड़ लोग दूषित भोजन के कारण बीमार पड़ते हैं। इनमें से लगभग 4.2 लाख मौतें केवल फूडबॉर्न बीमारियों के चलते होती हैं। भारत जैसे विकासशील देशों में यह समस्या और गंभीर है, जहां खाद्य पदार्थों की निगरानी और प्रसंस्करण में लापरवाही आम बात है।

खराब भोजन से हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां

1. फूड प्वाइजनिंग (Food Poisoning)

यह सबसे आम लेकिन खतरनाक फूडबॉर्न बीमारी है। यह तब होती है जब भोजन में बैक्टीरिया, वायरस या टॉक्सिन्स होते हैं।

लक्षण:

  • उल्टी

  • दस्त

  • पेट दर्द

  • डिहाइड्रेशन

  • बुखार

2. फूड इंफेक्शन (Food Infection)

बासी या अधपका खाना शरीर में संक्रमण का कारण बनता है।

लक्षण:

  • कमजोरी

  • मांसपेशियों में दर्द

  • सिरदर्द

  • ठंड लगना

3. लिवर संबंधी रोग

दूषित भोजन और पानी से लीवर में इंफेक्शन हो सकता है। हेपेटाइटिस A और E जैसे वायरस इस स्थिति को गंभीर बना सकते हैं।

4. नोरोवायरस और हेपेटाइटिस A

यह वायरस संक्रमित भोजन या पानी से शरीर में प्रवेश करता है और तेज बुखार, उल्टी, कमजोरी और लीवर से जुड़ी समस्याएं पैदा करता है।

5. डायरिया और टाइफाइड

बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण ये बीमारियां फैलती हैं, खासतौर पर जब पानी और खाने की स्वच्छता का ध्यान नहीं रखा जाता।

खाद्य सुरक्षा के जरूरी उपाय (Food Safety Measures)

1. कच्चे और अधपके खाद्य पदार्थों से बचें

मांस, अंडा, मछली और हरी सब्जियों को अच्छे से पकाएं। अधपका भोजन बैक्टीरिया का घर बन सकता है।

2. हाथों की स्वच्छता बनाए रखें

खाना बनाने और खाने से पहले और बाद में कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोना जरूरी है। साबुन और साफ पानी का उपयोग करें।

3. किचन और बर्तनों की सफाई

खाना बनाने वाले बर्तन, चॉपिंग बोर्ड और किचन की सतहों को नियमित रूप से साफ करें। क्रॉस-कंटैमिनेशन से बचने के लिए कच्चे और पके भोजन के बर्तनों को अलग रखें।

4. ताजगी की जांच करें

मीट, मछली, दूध और अंडे जैसे प्रोडक्ट्स को खरीदते समय उनकी एक्सपायरी डेट, गंध और रंग की जांच जरूर करें।

5. फल और सब्जियों को अच्छी तरह धोएं

बाजार से खरीदे गए फल और सब्जियों को पानी से धोना बेहद जरूरी है। यह कीटनाशकों और बैक्टीरिया को हटाने में मदद करता है।

6. खुले में रखे खाने से बचें

खुले में रखा खाना धूल, कीटाणु और मक्खियों के संपर्क में आकर दूषित हो सकता है। घर का बना ताजा भोजन ही सुरक्षित विकल्प है।

7. साफ पानी का करें सेवन

हमेशा उबला हुआ या फिल्टर्ड पानी पिएं। दूषित पानी से डायरिया, टाइफाइड और हैजा जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

विज्ञान से ही मिलेगा समाधान

वर्ष 2025 की थीम “Food Safety: Science in Action” यह स्पष्ट करती है कि खाद्य सुरक्षा केवल व्यक्तिगत जिम्मेदारी नहीं, बल्कि विज्ञान पर आधारित समन्वित प्रयास है। वैज्ञानिक परीक्षण, मॉडर्न फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज, गुणवत्ता नियंत्रण और ट्रैकिंग सिस्टम से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

WHO और FAO जैसे संगठन दुनियाभर की सरकारों को इस दिशा में गाइड करते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर जागरूकता और पालन ही इस प्रयास की सफलता तय करता है।

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2025 हमें याद दिलाता है कि हमारा भोजन सिर्फ पेट भरने का माध्यम नहीं, बल्कि सेहत का आधार है। एक छोटी सी लापरवाही जीवनभर की बीमारी या नुकसान का कारण बन सकती है। फूड सेफ्टी नियमों का पालन केवल व्यक्तिगत सुरक्षा ही नहीं, बल्कि समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है।

हमें चाहिए कि हम खुद भी जागरूक बनें और अपने परिवार, दोस्तों और बच्चों को भी फूड हाइजीन और सुरक्षित भोजन की महत्ता समझाएं। तभी हम एक स्वस्थ समाज की नींव रख पाएंगे।

Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। भोजन, दवाइयों या स्वास्थ्य से जुड़े किसी भी निर्णय से पहले अपने डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading