शोभना शर्मा। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बावजूद राजस्थान अपने पर्यटन क्षेत्र में नई संभावनाओं के साथ आगे बढ़ रहा है। राज्य की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने हाल ही में पर्यटन, कला और संस्कृति विभाग की एक अहम बैठक आयोजित की, जिसमें प्रदेश के पर्यटन को लेकर 44 बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इस बैठक में उन्होंने समयबद्ध ढंग से सभी प्रस्तावित योजनाओं को मूर्त रूप देने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
दीया कुमारी ने गर्मी के इस सीजन के बाद आने वाले पर्यटन सत्र की तैयारियों पर विशेष फोकस करने को कहा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य की पर्यटन नीति और फिल्म नीति को अंतिम रूप देकर जल्द ही लागू किया जाए ताकि राज्य में पर्यटन को गति मिल सके और फिल्म निर्माण की संभावनाएं भी बढ़ें।
पर्यटन और फिल्म नीति को जल्द जारी करने के निर्देश
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान की पर्यटन नीति व फिल्म नीति को तेजी से अंतिम रूप दिया जाए ताकि स्थानीय और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने एडवेंचर टूरिज्म योजना पर कार्य तेज करने और सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की बात कही।
जयपुर के विकास कार्यों पर जोर
बैठक में जयपुर शहर के लिए घोषित 100 करोड़ रुपए से अधिक के बजट की योजनाओं की समीक्षा भी की गई। चौड़ा रास्ता स्थित टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर (TFC) के उपयोग को बेहतर बनाने की योजना पर चर्चा हुई। इसके अलावा अल्बर्ट हॉल के जीर्णोद्धार, वहां पर लाइट एंड साउंड शो शुरू करने और ऐतिहासिक बावड़ियों को संरक्षित करने पर विशेष जोर दिया गया।
NHAI द्वारा प्रस्तावित चार स्थानों – आमेर, रणथंभौर, चित्तौड़ और बांसवाड़ा – में रोपवे परियोजनाओं की प्रगति रिपोर्ट भी मांगी गई। साथ ही अजमेर के चामुंडा माता मंदिर पर भी रोपवे की स्थापना के लिए जल्द कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए।
पर्यटन के नए प्रोजेक्ट्स की समीक्षा और दिशा
दीया कुमारी ने शेखावाटी क्षेत्र की प्रसिद्ध ऐतिहासिक हवेलियों के संरक्षण को प्राथमिकता देने की बात कही। इसके अतिरिक्त, उन्होंने डेजर्ट टूरिज्म, झुंझुनू और जैसलमेर में वार म्यूजियम, टूरिज्म एप व वेबसाइट, टूरिज्म वेबसाइट के डिजिटलीकरण और PMU की स्थापना जैसे अनेक पहलुओं पर अधिकारियों से फीडबैक लिया।
महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट, टैगोर योजना, एडवेंचर पॉलिसी और फिल्म पॉलिसी को सक्रिय रूप से लागू करने की रणनीति पर भी विचार किया गया। इस बैठक में ‘ब्यूटीफुल डेस्टिनेशन बिड’, वीआर एक्सपीरियंस सेंटर, पुष्कर और खाटू श्यामजी के तीर्थ स्थलों का भी डिजिटल अपग्रेडेशन करने की दिशा में योजना बनाई गई।
नवाचार की दिशा में अहम कदम
पर्यटन में नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मोरक्को ट्विन सिटी प्रस्ताव और मालासेरी डूंगरी प्रोजेक्ट को भी शामिल किया गया है। साथ ही गोविंद देव जी मंदिर को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने की दिशा में कदम उठाने की योजना पर चर्चा हुई। परकोटे (पुराने शहर क्षेत्र) में पर्यटन स्थलों पर स्वच्छता, सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने की योजनाएं भी एजेंडे में शामिल रहीं।
स्काईडाइविंग जैसे साहसिक खेलों को राजस्थान के पर्यटन का हिस्सा बनाने पर भी बात हुई, जिससे युवाओं और विदेशी पर्यटकों को विशेष आकर्षण मिलेगा।