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राजस्थान में कांगो फीवर से महिला की मौत

राजस्थान में कांगो फीवर से महिला की मौत

मनीषा शर्मा।  राजस्थान के जोधपुर जिले के नांदड़ा कलां गांव में कांगो फीवर से एक 51 वर्षीय महिला की अहमदाबाद के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। रिपोर्ट में कांगो फीवर की पुष्टि होते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम अलर्ट हो गई और बुधवार सुबह नांदड़ा गांव पहुंचकर सर्वे किया। टीम ने महिला के परिजनों और पड़ोसियों के ब्लड सैंपल लिए, ताकि संक्रमण की स्थिति का आकलन किया जा सके।

जोधपुर डिप्टी CMHO डॉ. प्रीतम सिंह के अनुसार, 3 अक्टूबर को महिला की तबीयत खराब हुई थी। प्रारंभ में उसे जोधपुर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, लेकिन तबीयत अधिक बिगड़ने पर परिजन उसे अहमदाबाद के स्टर्लिंग हॉस्पिटल ले गए, जहां 8 अक्टूबर की सुबह उसकी मृत्यु हो गई। महिला के खून के सैंपल जांच के लिए पुणे भेजे गए थे, जहां कांगो फीवर की पुष्टि हुई।

स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी कर की सर्वेक्षण की शुरुआत

कांगो फीवर की रिपोर्ट आते ही स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए नांदड़ा गांव में सर्वे शुरू किया। बुधवार सुबह 8 बजे टीम ने गांव पहुंचकर सर्वे किया और महिला के परिजनों के साथ संपर्क में आने वाले सभी लोगों के सैंपल लिए। अधिकारियों ने बताया कि कांगो फीवर का खतरा उन लोगों में अधिक होता है, जो पशुपालन से जुड़े होते हैं। पशुओं की चमड़ी पर चिपके रहने वाले “हिमोरल” (किलनी) नामक परजीवी इस संक्रमण के फैलाव का मुख्य कारण है।

कांगो फीवर के लक्षण और पूर्व मामले

कांगो फीवर से पीड़ित व्यक्ति को बुखार, मांसपेशियों में दर्द, चक्कर आना, सिर दर्द, आंखों में जलन और रोशनी से डर लगने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। WHO के अनुसार, इस बुखार के लिए कोई प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। बचाव ही इसका सबसे महत्वपूर्ण उपाय है।

जोधपुर में इससे पहले कांगो फीवर का मामला साल 2019 में सामने आया था, जब तीन बच्चों में इस संक्रमण के लक्षण पाए गए थे और दो मरीजों की मौत हो गई थी। इससे पहले 2014 में पहली बार जोधपुर में कांगो फीवर के मामले रिपोर्ट किए गए थे।

मवेशियों के सैंपल और आगे की कार्ययोजना

डॉ. प्रीतम सिंह ने बताया कि महिला के संपर्क में आए सभी लोगों की हिस्ट्री खंगाली जा रही है और उन्हें अगले 15-20 दिनों तक सर्विलांस पर रखा जाएगा। साथ ही, गांव में मवेशियों के भी सैंपल लिए गए हैं, ताकि पशुपालन विभाग के साथ मिलकर आगे की कार्ययोजना बनाई जा सके। जांच रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य विभाग और पशुपालन विभाग मिलकर गांव में आवश्यक कदम उठाएंगे।

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