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कौन हैं इंद्रेश उपाध्याय और जानिए जयपुर से उनका गहरा लगाव

कौन हैं इंद्रेश उपाध्याय और जानिए जयपुर से उनका गहरा लगाव

शोभना शर्मा।  वृंदावन के युवा और लोकप्रिय कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय इन दिनों अचानक सुर्खियों में आ गए हैं। कारण है उनकी भव्य, शाही और आध्यात्मिक परंपराओं से सजी विवाह यात्रा, जो जयपुर पहुंचने के बाद पूरे राजस्थान में चर्चा का विषय बन गई है। इंद्रेश उपाध्याय हरियाणा की शिप्रा के साथ ताज आमेर में वैदिक रीति से विवाह करने जा रहे हैं और देशभर के संत-महंतों तथा दिग्गज हस्तियों की मौजूदगी इस विवाह को विशेष बना रही है। विवाह का निमंत्रण पत्र भी बेहद अनोखा है जिसमें वृंदावन धाम का प्रसाद शामिल किया गया है।

इंद्रेश उपाध्याय 5 दिसंबर को जयपुर में दिल्ली रोड स्थित एक होटल में वैवाहिक बंधन में बंधेंगे। बुधवार देर शाम वे अपने परिवार और बारात के साथ जयपुर पहुंचे। शुक्रवार को सुबह 10 बजे से रस्मों की शुरुआत होगी और वैदिक थीम के तहत सात फेरे सम्पन्न कराए जाएंगे। सोशल मीडिया पर लोकप्रियता और आध्यात्मिक प्रभाव के कारण उनकी शादी को लेकर भक्तों और अनुयायियों में उत्साह साफ दिखाई दे रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उनकी बारात के वीडियो पहले ही वायरल हो चुके हैं।

कौन हैं इंद्रेश उपाध्याय?

इंद्रेश उपाध्याय युवाओं के बीच सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले कथावाचकों में गिने जाते हैं। वे अपनी भक्तिपूर्ण वाणी, सहज और मधुर कथन शैली एवं आध्यात्मिक अनुभवों से श्रोताओं के मन को मोह लेते हैं। वे केवल बड़े बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि उनकी लोकप्रियता नई पीढ़ी में भी तेजी से बढ़ी है। उनके प्रवचन भावनाओं, भक्ति और श्रीकृष्ण लीला के सुंदर वर्णन के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके प्रवचनों के वीडियो यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर मिलियन्स व्यूज प्राप्त करते हैं।

जन्म, परिवार और प्रारंभिक जीवन

इंद्रेश उपाध्याय का जन्म 7 अगस्त 1997 को उत्तर प्रदेश के श्रीधाम वृंदावन में हुआ था। वे अपने माता-पिता श्रीकृष्ण चंद्र ठाकुर और माता नरवादा शर्मा के इकलौते पुत्र हैं। उनकी तीन बहनें हैं। बचपन से ही भक्ति, भजन और आध्यात्मिक वातावरण में पले-बढ़े इंद्रेश बचपन से ही कथा और श्रीकृष्ण भक्ति के प्रति समर्पित रहे। बाद में उन्होंने कथावाचक के रूप में सेवा शुरू की, जो आज एक बड़े आध्यात्मिक नाम के रूप में स्थापित हो चुकी है।

सोशल मीडिया पर भी उनकी मजबूत उपस्थिति है। इंस्टाग्राम पर उनके करीब 1.9 मिलियन फॉलोअर्स हैं जबकि यूट्यूब पर उनके चैनल ‘भक्ति पथ’ को 1.33 मिलियन से अधिक लोग सब्सक्राइब कर चुके हैं।

लोकप्रिय भजन और रचनाएं

इंद्रेश उपाध्याय ने कई भजनों को अपनी आवाज दी है, जो भक्तों में बेहद लोकप्रिय हैं। उनके प्रसिद्ध भजनों में राधा गोरी-गोरी, राधे-राधे जपो चले आएंगे बिहारी, श्याम तेरे चरणों में पाया सुख असीम, प्यारो वृंदावन, जादू करके और गोवर्धन वासी शामिल हैं। उनका लोकप्रिय भजन ‘राधा गोरी-गोरी’ बी प्राक के साथ विशेष रूप से रिलीज किया गया था, जो युवाओं के बीच खूब पसंद किया गया।

जयपुर से विशेष लगाव क्यों?

इंद्रेश उपाध्याय का जयपुर से संबंध केवल व्यावहारिक नहीं बल्कि आध्यात्मिक है। वे अक्सर अपनी कथाओं में कहते हैं कि जयपुर उन्हें छोटा वृंदावन प्रतीत होता है। उनका मानना है कि यहां स्थापत्य, संस्कृति और आस्था में वृंदावन की झलक मिलती है। जयपुर में स्थित वृंदावन से आए भगवान श्रीकृष्ण के चार विग्रह — गोविंददेवजी, गोपीनाथ जी, राधा दामोदर जी और राधा विनोदी लाल जी — शहर को विशिष्ट आध्यात्मिक पहचान प्रदान करते हैं। इसी वजह से इंद्रेश उपाध्याय जयपुर को अपने हृदय का अत्यंत प्रिय स्थान मानते हैं।

कौन हैं उनकी होने वाली पत्नी शिप्रा?

इंद्रेश उपाध्याय की दुल्हन बनने जा रही शिप्रा मूलतः हरियाणा की निवासी हैं। उनके पिता हरियाणा पुलिस में डीएसपी रह चुके हैं। फिलहाल उनका परिवार पंजाब के अमृतसर में निवास करता है। इंद्रेश और शिप्रा के विवाह को लेकर दोनों परिवारों के साथ-साथ भक्तों और साधु-संतों में भी उत्साह बहुत अधिक है।

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