मनीषा शर्मा। दुनिया भर के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कितना पसंद करते हैं इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता हैं की फेसबूक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बराक ओबामा के बाद लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही फॉलो करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के सोशल मीडिया प्लेट फॉर्म्स पर मोदी के 26 करोड़ फॉलोवर्स हैं।
वहीं अगर बात की जाए काँग्रेस के बड़े नेता राहुल गांधी की, तो उनके सोशल मीडिया प्लेट फॉर्म्स पर केवल 4.7 करोड़ फॉलोवर्स ही हैं। इलेक्शन सीजन की बात करें तो दोनों नेताओ की तरफ से इस बार सोशल मीडिया पर काई पोस्ट्स डाली गई हैं। 2014 की रेपोर्ट्स देखें तो पता चलता है की उस वक्त काँग्रेस और राहुल सोशल मीडिया पर ज्यादा सक्रिय नहीं थे। इसका सीधा फायदा बीजेपी को मिल था। लेकिन 2019 आते आते राहुल और कॉंग्रेस दोनों सोशल मीडिया पर ऐक्टिव हुए। लेकिन तब बीजेपी ने गेम पलट दिया ओर वाहटसपप ग्रुप्स के जरिए लोगों से जुड़ना शुरू किया। नतीजा ये रहा की राहुल ली पॉपुलरिटी का जितना फायदा काँग्रेस को मिलन चाहिए था उतना नहीं मिल पाया।
बीते कुछ वक्त से राहुल हारने के बावजूद सत्ता पक्ष के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं। उनकी यही जीवटता उन्हे लोगों के बीच पहचान दिला रही है। सोशल मीडिया पर भी उनके फॉलोवर्स मोदी के मुकाबले दुगनी तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन इन सब के बावजूद इस का उन्हे पूरा फायदा नहीं मिल पा रहा। ऐसा नहीं है की मोदी का सोशल मीडिया पर पूरा कंट्रोल है। लेकिन राहुल गांधी सही वक्त पर सही मुद्दे नहीं उठा पाने के कारण मात कहा रहे हैं।
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता की लगता जनसंपर्क की वजह से राहुल ने लोगों के बीच अपनी अलग छवि बनाई है। लेकिन इस छवि का उन्हे कितना फायदा मिल ये 4 जून को जारी होने वाले आम चुनावों के नतीजे ही बता पाएंगे।