मनीषा शर्मा। राजस्थान के शिक्षा विभाग ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है जिसके तहत सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को एक साथ संचालित किया जाएगा। यह आदेश राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों के लिए है। अब सभी स्कूल एक समान समय पर शुरू होंगे और उनकी छुट्टियां भी एक ही समय पर होंगी। इस आदेश का उद्देश्य स्कूलों के संचालन में एकरूपता लाना और विद्यार्थियों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए समय सारणी में सुधार करना है।
शिक्षा विभाग के इस आदेश के तहत, स्कूलों को यदि इस नियम का पालन नहीं किया जाता है तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई में स्कूलों की मान्यता रद्द करने से लेकर अन्य दंडात्मक कदम उठाए जा सकते हैं। इस आदेश को बुधवार रात करीब 10 बजे माध्यमिक शिक्षा निदेशक, आशीष मोदी द्वारा जारी किया गया। इस कदम से राज्य के शिक्षा तंत्र में एक नई दिशा की शुरुआत हो सकती है, खासकर उन स्कूलों के लिए जो खुद को शिक्षा विभाग के नियमों से अलग रखते हुए स्वतंत्र रूप से अपना संचालन करते थे।
सर्दियों में स्कूलों के संचालन का नया समय
माध्यमिक शिक्षा निदेशक के आदेश में यह भी कहा गया है कि सर्दी के मौसम में स्कूलों के संचालन के समय में बदलाव किया गया है। एकल पारी वाले स्कूल अब सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चलेंगे, जबकि दो पारी वाले स्कूल सुबह साढ़े 7 बजे से शाम साढ़े 5 बजे तक चलेंगे। विशेष बात यह है कि दो पारी वाले स्कूलों में प्रत्येक पारी की अवधि सर्दी में केवल 5 घंटे होगी, ताकि विद्यार्थियों को अधिक ठंड का सामना न करना पड़े।
गर्मी के मौसम में स्कूलों के संचालन का समय भी निर्धारित किया गया है। इस समय के दौरान, एकल पारी वाले स्कूल सुबह साढ़े 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक संचालित होंगे और दो पारी वाले स्कूल सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक चलेंगे। गर्मी के दौरान दो पारी वाले स्कूलों की प्रत्येक पारी साढ़े पांच घंटे की होगी, ताकि छात्रों को तेज धूप से बचाया जा सके।
शिविरा कैलेंडर और नियमों का पालन
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने यह भी स्पष्ट किया कि कई स्कूल शैक्षणिक कैलेंडर का पालन नहीं कर रहे थे, जो छात्रों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता था। विशेष रूप से सर्दी के मौसम में स्कूलों का संचालन सुबह जल्दी किया जा रहा था, जिससे छात्रों को सर्दी में बाहर जाना पड़ता था और उनकी सेहत पर असर पड़ रहा था। इस समस्या को देखते हुए शिक्षा विभाग ने यह आदेश जारी किया और यह सुनिश्चित किया कि सभी स्कूलों के संचालन का समय राज्यभर में समान हो।
इसके अलावा, निदेशक ने यह भी कहा कि यदि कोई स्कूल इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग ने यह तय किया है कि इस प्रकार के उल्लंघन के लिए राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्थाओं के अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, और स्कूल की मान्यता भी रद्द की जा सकती है।
स्कूल बसों और छात्रों की सुरक्षा का ध्यान
शीतकाल के दौरान राज्यभर में कई स्कूलों की बसें सुबह 6 बजे बच्चों को लेने के लिए निकल पड़ती हैं। इससे बच्चों को भारी सर्दी में सुबह 5 बजे उठकर तैयार होना पड़ता था। साथ ही, जो बच्चे स्कूल से दूर रहते थे, उन्हें एक घंटे पहले निकलना पड़ता था। यह स्थिति बच्चों की सेहत के लिए अत्यधिक हानिकारक साबित हो रही थी।
अब, शिक्षा विभाग का आदेश यह सुनिश्चित करेगा कि सभी स्कूलों का समय समान हो, जिससे स्कूलों के संचालन का समय और बसों का संचालन दोनों छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए होगा। इस बदलाव से छात्रों को राहत मिलेगी क्योंकि उन्हें सर्दी में जल्दी उठने की मजबूरी नहीं होगी और स्कूल जाने का समय भी व्यवस्थित होगा।
सभी स्कूलों के लिए समान समय पर स्कूल संचालन
शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक, रमेश हर्ष ने भी इस बात को स्पष्ट किया कि शैक्षणिक कैलेंडर का पालन राज्यभर के सभी स्कूलों को करना होगा। इसमें सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध स्कूल भी शामिल हैं, जो पहले अपना समय अलग से तय करते थे। अब, शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों को भी निर्देश दिया है कि वे माध्यमिक शिक्षा निदेशक के आदेश के अनुसार अपना समय बदलें। यह कदम राज्यभर में एकरूपता लाने और सभी स्कूलों के संचालन में समानता बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।
सीबीएसई स्कूलों पर असमंजस की स्थिति
माध्यमिक शिक्षा निदेशक के आदेश के बाद यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह आदेश सीबीएसई स्कूलों पर लागू होगा या नहीं। सीबीएसई स्कूल अपनी नीतियां और समय सारणी स्वतंत्र रूप से निर्धारित करते हैं, लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार, सभी स्कूलों को एक समान शैक्षणिक कैलेंडर का पालन करना होता है। हालांकि, सीबीएसई स्कूलों को नोडल एजेंसी से एनओसी प्राप्त करने के बाद ही शैक्षणिक कैलेंडर का पालन करना होता है।
सर्दी का प्रभाव और समय सारणी में बदलाव की जरूरत
राजस्थान शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ के प्रदेश संरक्षक, राजेश व्यास का मानना है कि राज्य के सभी स्कूलों में समान समय होना चाहिए। उनका कहना है कि सर्दी सभी को लगती है, और इस कारण सभी स्कूलों को 7-8 बजे के बजाय 10 बजे से शुरू होना चाहिए, ताकि छात्रों को सर्दी से राहत मिल सके।
राजस्थान शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए नए आदेश से राज्यभर के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में संचालन की समानता आएगी। यह कदम छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। साथ ही, इस आदेश से शैक्षिक व्यवस्था में भी एकरूपता आएगी और राज्यभर के सभी स्कूलों में समान समय पर अध्ययन हो सकेगा।