शोभना शर्मा। राजस्थान की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने रविवार को जोधपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने विशेष रूप से SI भर्ती घोटाले को लेकर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि खुद सरकार के मंत्री इस भर्ती को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस शासन में नैतिकता का स्तर इतना था कि आरोप लगने पर मंत्रियों से तुरंत इस्तीफा ले लिया जाता था। उन्होंने कहा, “यूपीए सरकार में बंसल जी और शशि थरूर जैसे वरिष्ठ नेताओं ने भी केवल आरोप लगने पर अपने पद छोड़ दिए, जबकि बाद में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। लेकिन आज की भाजपा सरकार में नैतिकता नाम की कोई चीज नहीं बची है।”
पायलट ने SI भर्ती को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि जब खुद सरकार के मंत्री और विधायक यह कह रहे हैं कि भर्ती प्रक्रिया रद्द होनी चाहिए और इसकी जांच होनी चाहिए, तो फिर ऐसी क्या मजबूरी है जो सरकार कुछ नहीं कर रही? उन्होंने कहा कि यह सरकार नौकरशाहों के इशारों पर चल रही है। मंत्री और विधायक परेशान हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही।
उन्होंने RPSC (राजस्थान लोक सेवा आयोग) के पुनर्गठन की भी मांग की और कहा कि बार-बार भर्तियों में गड़बड़ियां सामने आ रही हैं, जिससे युवा हताश हो रहे हैं। “जो छात्र सालों मेहनत करके परीक्षा की तैयारी करते हैं, उनके साथ विश्वासघात हो रहा है। यह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता,” पायलट ने कहा।
सिर्फ SI भर्ती ही नहीं, सचिन पायलट ने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भी भाजपा को घेरा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी वर्षों से इसकी मांग कर रहे थे, लेकिन भाजपा नेताओं ने उन्हें ‘अर्बन नक्सली’ कहकर उपहास उड़ाया। अब वही भाजपा नेताओं को समझ आ गया है कि देश की वास्तविक मांग क्या है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने जिन मुद्दों को लेकर सत्ता हासिल की थी, वे आज कहीं नजर नहीं आते।