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क्या है बुलिमिया? दांत, दिल, दिमाग और पेट को चुपचाप नुकसान पहुंचाने वाली बीमारी

क्या है बुलिमिया? दांत, दिल, दिमाग और पेट को चुपचाप नुकसान पहुंचाने वाली बीमारी

बुलिमिया नर्वोसा एक गंभीर ईटिंग डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति बार-बार ज्यादा खाने के एपिसोड यानी बिंज ईटिंग के बाद तुरंत वजन बढ़ने के डर से उसे शरीर से निकालने की कोशिश करता है। यह एक आदत नहीं बल्कि मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली गंभीर मेडिकल कंडीशन है। विशेषज्ञों के अनुसार, बुलिमिया किशोरियों, युवतियों और युवाओं में तेजी से बढ़ रही है और समय पर पहचान न होने पर यह शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचाती है।

बुलिमिया के प्रकार

1. पर्जिंग टाइप बुलिमिया

इस प्रकार में व्यक्ति खाना खाने के तुरंत बाद खुद उल्टी करता है या फिर लैक्सेटिव, डाययूरेटिक्स या अन्य दवाओं का गलत इस्तेमाल करता है। धीरे-धीरे यह तरीका लत बन जाता है, जिससे शरीर में पानी की कमी, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन, दांतों की समस्या, गले और पेट में चोट जैसी जटिलताएं पैदा हो जाती हैं।

2. नॉन-पर्जिंग टाइप बुलिमिया

इस प्रकार में उल्टी नहीं की जाती, लेकिन व्यक्ति अत्यधिक एक्सरसाइज करता है, बार-बार फास्टिंग करता है या लंबे समय तक खाना छोड़ देता है। इससे हार्मोनल असंतुलन, कमजोरी, थकान और मानसिक तनाव बढ़ता है। दोनों प्रकार शरीर और दिमाग को गहरा नुकसान पहुंचाते हैं।

बुलिमिया के शुरुआती लक्षण

बुलिमिया के संकेत व्यक्ति के व्यवहार, शारीरिक स्थिति और भावनाओं में दिखाई देते हैं। आम तौर पर पाए जाने वाले लक्षण इस प्रकार हैं—

  • एक बार में बहुत ज्यादा खाना और खाने पर नियंत्रण न रहना

  • खाने के तुरंत बाद उल्टी करना

  • वजन बढ़ने का असामान्य डर

  • शरीर के आकार को लेकर अत्यधिक चिंता

  • खाने के बाद ग्लानि महसूस करना

  • मूड स्विंग, डिप्रेशन या एंग्जायटी

  • महिलाओं में पीरियड्स का अनियमित होना

  • गालों में सूजन, दांतों का खराब होना

  • बार-बार कब्ज, कमजोरी, चक्कर आना

  • आंखों में लालपन या चेहरे पर तनाव के निशान

इन संकेतों को शुरुआती स्तर पर पहचानना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि समय पर इलाज से शरीर को होने वाले कई लंबे समय के नुकसान से बचा जा सकता है।

बुलिमिया होने के कारण

बुलिमिया का कारण एक नहीं होता, बल्कि कई सामाजिक, मानसिक और जैविक कारण मिलकर इसे जन्म देते हैं।

  • परिवार में पहले से ईटिंग डिसऑर्डर का इतिहास

  • लगातार डिप्रेशन, एंग्जायटी या तनाव

  • समाज या सोशल मीडिया का दबाव

  • स्लिम और परफेक्ट दिखने का मनोवैज्ञानिक दबाव

  • किसी भावनात्मक ट्रॉमा या नकारात्मक अनुभव का असर

  • कम आत्मविश्वास, खुद की गलत छवि या बॉडी शेमिंग

ये सभी कारक मिलकर व्यक्ति को गलत खाने की आदतों की ओर धकेलते हैं।

बुलिमिया से होने वाले गंभीर नुकसान

StatPearls में प्रकाशित अध्ययनों के अनुसार, बुलिमिया शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित करती है—

  • गाल और सलाइवरी ग्लैंड्स की सूजन

  • बार-बार उल्टी से इसोफेगस और गले में चोट

  • एसिडिटी, GERD और पाचन समस्याएं

  • इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन से दिल की धड़कन अनियमित होना

  • दांतों का गलना और मसूड़ों में संक्रमण

  • कब्ज और आंतों में दबाव

  • पैंक्रियाटाइटिस का खतरा

  • ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव से टाइप-2 डायबिटीज का जोखिम

इसलिए बुलिमिया को सामान्य आदत मानकर नजरअंदाज करना बेहद खतरनाक हो सकता है।

कैसे पता चलता है कि व्यक्ति को बुलिमिया है?

डॉक्टर बुलिमिया की जांच कई तरीकों से करते हैं—

  • शारीरिक जांच और ब्लड टेस्ट

  • खाने की आदतों और मानसिक स्वास्थ्य का मूल्यांकन

  • दिल, किडनी और पाचन तंत्र की जांच

  • दांतों, गले और पाचन अंगों की स्थिति का परीक्षण

इन सभी जांचों से बुलिमिया की गंभीरता का सही पता चलता है।

क्या करें अगर आपको लगता है कि आप या आपका कोई करीबी बुलिमिया से प्रभावित है?

बुलिमिया का इलाज संभव है, और जल्दी इलाज अधिक प्रभावी होता है।

  • डॉक्टर, मनोवैज्ञानिक या डाइटिशियन से तुरंत संपर्क करें

  • परिवार और दोस्तों से मदद मांगें

  • खुद को दोष न दें, क्योंकि यह मानसिक और मेडिकल समस्या है

  • संतुलित भोजन, काउंसलिंग और थेरेपी से रिकवरी आसान हो जाती है

बुलिमिया नर्वोसा एक गंभीर लेकिन उपचार योग्य बीमारी है। इसे समझना, पहचानना और समय पर चिकित्सा मदद लेना ही इससे बचने का सबसे सुरक्षित तरीका है।

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