शोभना शर्मा। राजस्थान में एक बार फिर मौसम करवट लेने वाला है। मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर ने राज्य के पश्चिमी और उत्तरी इलाकों के लिए एक नया पूर्वानुमान जारी किया है। विभाग के अनुसार, 3 नवंबर से एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिसके प्रभाव से राज्य के कई हिस्सों में गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश देखने को मिल सकती है। वर्तमान में राजस्थान के कई हिस्सों में अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक बारिश की गतिविधियां बनी हुई हैं, और अब नए सिस्टम के कारण नवंबर की शुरुआत भी भीग सकती है।
अगले पांच दिनों तक रहेगा शुष्क मौसम
मौसम विभाग के ताज़ा अपडेट के अनुसार, बीकानेर संभाग, शेखावाटी क्षेत्र और पश्चिमी राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में आगामी चार से पांच दिनों तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है। इस दौरान बारिश की कोई विशेष गतिविधि नहीं होगी और तापमान में मामूली वृद्धि दर्ज की जा सकती है। राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिलों में दिन के तापमान में 1 से 2 डिग्री तक की बढ़ोतरी की संभावना जताई गई है। वहीं, रात का तापमान लगभग सामान्य रहेगा। हालांकि विभाग ने यह भी कहा है कि यह शुष्कता अधिक समय तक नहीं टिकेगी, क्योंकि 3 नवंबर से नया पश्चिमी विक्षोभ राज्य के मौसम को फिर बदल देगा।
3 नवंबर से सक्रिय होगा नया पश्चिमी विक्षोभ
मौसम विज्ञान केंद्र ने अपने पूर्वानुमान में बताया है कि 3 नवंबर से एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी भारत के पर्वतीय क्षेत्रों से सक्रिय होगा, जिसका असर सीधे तौर पर राजस्थान के मौसम पर पड़ेगा। इस विक्षोभ के प्रभाव से पहले पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, जोधपुर और नागौर जिलों में बादल छाने लगेंगे। इसके बाद पूर्वी राजस्थान के जयपुर, अलवर, सीकर, झुंझुनूं, अजमेर और भरतपुर जिलों में हल्की बारिश और मेघगर्जन की संभावना है। विभाग ने किसानों को चेतावनी दी है कि वे अपनी फसल कटाई और भंडारण गतिविधियां सावधानीपूर्वक करें, ताकि बारिश से नुकसान न हो। साथ ही आम जनता को भी यात्रा योजनाओं में मौसम का ध्यान रखने की सलाह दी गई है।
वर्तमान सिस्टम से भी जारी है बारिश का दौर
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में भी राजस्थान के कई इलाकों में वर्तमान पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश दर्ज की गई है। 29 और 30 अक्टूबर को अजमेर, जयपुर, टोंक, सीकर, झुंझुनूं और कोटा जिलों में हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिली। इस दौरान कई जगहों पर तेज हवाएं और गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी हुई, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई। फिलहाल यह सिस्टम कमजोर पड़ रहा है, लेकिन इसके खत्म होते ही नया विक्षोभ 3 नवंबर से सक्रिय होगा।
कृषि पर असर और मौसम विभाग की सलाह
मौसम विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे कटाई योग्य फसलों को सुरक्षित स्थानों पर रख लें और सिंचाई गतिविधियों को फिलहाल टाल दें। अगर बारिश की गतिविधि बढ़ती है, तो तिलहन और सब्जियों की फसलें प्रभावित हो सकती हैं। विभाग ने कहा है कि पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव अल्पकालिक रहेगा, यानी यह 4 से 5 नवंबर तक ही सक्रिय रहेगा। इसके बाद मौसम एक बार फिर सामान्य और शुष्क हो जाएगा। जयपुर मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, “नवंबर की शुरुआत में होने वाली यह हल्की बारिश तापमान में गिरावट ला सकती है और हवा में नमी बढ़ा देगी, जिससे सुबह और रात में ठंड का अहसास बढ़ेगा।”


