मनीषा शर्मा। राजस्थान के सबसे महत्वपूर्ण जलस्रोतों में से एक बीसलपुर बांध में पानी की लगातार बढ़ती आवक के चलते मंगलवार रात से फिर से गेट खोल दिए गए हैं। मंगलवार रात करीब 8 बजे बांध का गेट आधा मीटर से बढ़ाकर 2 मीटर तक खोल दिया गया, जिससे बांध से पानी की निकासी अब प्रति सेकंड 12,020 क्यूसेक की दर से की जा रही है। यह लगातार दूसरा मौका है जब इस वर्ष के एक ही सीजन में बीसलपुर बांध के गेट दोबारा खोले गए हैं। बांध परियोजना के इंजीनियरों के अनुसार, यह स्थिति बीसलपुर के इतिहास में पहली बार बनी है, जब गेट बंद होने के बाद उसी वर्ष दोबारा खोले गए हों।
बनास नदी का जलस्तर बढ़ा, कई रपटे डूबे
बांध से पानी छोड़े जाने के बाद बनास नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। बुधवार सुबह तक भी बांध से समान मात्रा में पानी निकासी जारी रही, जिससे राजमहल रपटे समेत कई छोटे रपटे पानी में डूब गए हैं। इन रपटों पर से लोगों और वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गई है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों को नदी किनारे जाने से मना किया है और सुरक्षा की दृष्टि से चेतावनी जारी की है। टोंक जिले के आसपास के ग्रामीण इलाकों में नदी किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है क्योंकि अचानक जलस्तर बढ़ने से नदी पार के मार्ग अवरुद्ध हो सकते हैं।
हल्के बादल और ठंडी हवाओं से मौसम में बदलाव
बुधवार को दो दिन बाद बारिश का दौर थम गया, हालांकि हल्के बादल और ठंडी हवाओं ने मौसम को सुहावना बना दिया। सूर्य की किरणें भी देखने को मिलीं लेकिन हवाओं में ठंडक घुली हुई थी। मौसम विभाग के अनुसार, तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी क्योंकि बादलों की मौजूदगी और पानी की निकासी से आसपास के क्षेत्रों में ठंडी हवाएं चल रही हैं।
बीसलपुर बांध की मौजूदा स्थिति
बीसलपुर बांध, जो जयपुर, अजमेर और टोंक जिले के लिए प्रमुख पेयजल स्रोत है, इन दिनों लगभग पूरी क्षमता से भर चुका है। हाल के दिनों में बांध के कैचमेंट एरिया में हुई भारी बारिश से पानी की आवक तेजी से बढ़ी। इससे पहले बांध का गेट 24 जुलाई को पहली बार खोला गया था। उस समय पानी की मात्रा लबालब स्तर पर पहुंचने के कारण गेट से पानी छोड़ा गया था। उसके बाद धीरे-धीरे आठ गेटों तक खोले गए थे। पानी की आवक कम होने के बाद गेटों को एक-एक कर बंद कर दिया गया और मंगलवार को 90 दिनों की निरंतर पानी निकासी के बाद आखिरी गेट भी बंद कर दिया गया था। लेकिन अब दोबारा आवक बढ़ने के कारण मंगलवार रात को गेट फिर से खोले गए।
90 दिन तक लगातार पानी निकासी का नया रिकॉर्ड
बीसलपुर बांध ने इस वर्ष लगातार 90 दिन तक पानी निकासी कर एक नया रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले 2019 में 64 दिनों तक पानी निकासी की गई थी, लेकिन 2024 में यह रिकॉर्ड टूट गया। इसके अलावा इस साल तीन बड़े रिकॉर्ड बने —
लगातार दूसरे वर्ष गेट खोले जाने का रिकॉर्ड।
पहली बार जुलाई में गेट खोलने का रिकॉर्ड।
और पहली बार अक्टूबर में दोबारा गेट खोलने का रिकॉर्ड।
इन घटनाओं ने बीसलपुर बांध के जल प्रबंधन इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है।
बांध अधिकारियों ने दी जानकारी
बीसलपुर बांध परियोजना के XEN मनीष बंसल और JEEN दिनेश बैरवा ने बताया कि मंगलवार रात को बांध के गेट दो मीटर तक खोले गए हैं। उन्होंने कहा, “यह पहली बार है जब एक ही मॉनसून सीजन में गेट बंद करने के बाद दोबारा खोलने पड़े हैं। पानी की आवक इतनी तेज हुई कि जल स्तर को नियंत्रित करने के लिए गेट खोलना आवश्यक हो गया।” अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल बांध में पानी का स्तर संतुलित है और निकासी नियंत्रित तरीके से की जा रही है ताकि डाउनस्ट्रीम क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति न बने।
सुरक्षा और निगरानी के सख्त इंतजाम
बांध प्रशासन ने जल निकासी के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। बनास नदी किनारे के गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। नदी के रपटों पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं ताकि कोई व्यक्ति या वाहन गलती से भी नदी पार न करे। साथ ही, जल संसाधन विभाग ने बांध क्षेत्र में निगरानी कैमरे और कर्मियों की अतिरिक्त तैनाती की है ताकि किसी भी संभावित आपदा से निपटा जा सके।
स्थानीय निवासियों में उत्साह और चिंता दोनों
जहां एक ओर लोग बीसलपुर बांध से पानी छोड़े जाने को जल संपदा की समृद्धि का प्रतीक मानकर खुश हैं, वहीं नदी किनारे के गांवों में पानी के बढ़ते स्तर से चिंता भी है। किसानों को डर है कि अगर पानी का स्तर और बढ़ा, तो खेतों में खड़ी फसलें प्रभावित हो सकती हैं। टोंक और आसपास के क्षेत्रों में लोग बांध से निकलते पानी के दृश्य देखने पहुंचे, लेकिन प्रशासन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि बांध या नदी किनारे सेल्फी लेने या रपटों के पास जाने से बचें।


