शोभना शर्मा। राजस्थान में लगातार हो रही भारी बारिश और भारतीय मौसम विभाग (IMD) की चेतावनी के मद्देनजर राज्य के 11 जिलों में शनिवार, 2 अगस्त को स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। यह निर्णय संबंधित जिलों के जिला कलेक्टरों द्वारा विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया। आदेश के तहत, इन जिलों में कक्षा 1 से 12वीं तक के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों में शिक्षण कार्य स्थगित रहेगा।
जिन जिलों में स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है, उनमें झालावाड़, बारां, टोंक, डीग, जैसलमेर, बीकानेर, नागौर, श्रीगंगानगर, कोटपूतली-बहरोड़, हनुमानगढ़ और कोटा शामिल हैं। इन जिलों में पिछले 24 घंटों के भीतर कहीं-कहीं 6 इंच तक बारिश दर्ज की गई है, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। प्रशासन का कहना है कि जलभराव, कीचड़ और सड़क मार्गों पर अवरोध के चलते विद्यार्थियों का विद्यालय आना-जाना जोखिमपूर्ण हो सकता है।
अभिभावकों से सतर्कता बरतने की अपील
जिला प्रशासन ने अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों को अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलने दें और स्थानीय प्रशासन तथा स्कूलों से प्राप्त ताजा सूचनाओं पर ध्यान दें। कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जिससे न केवल स्कूली बच्चों की सुरक्षा पर खतरा है, बल्कि सामान्य यातायात व्यवस्था भी बाधित हुई है। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि बारिश का दौर यदि आगे भी जारी रहता है, तो आगामी दिनों में भी अवकाश बढ़ाया जा सकता है। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्कूलों की स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए रखें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत आवश्यक कदम उठाएं।
जर्जर भवनों को लेकर भी सावधानी
कई जिलों से स्कूल भवनों की जर्जर स्थिति की भी जानकारी मिली है। प्रशासन ने ऐसे भवनों में शिक्षण कार्य पूरी तरह रोकने और निरीक्षण के बाद ही दोबारा खोलने के निर्देश दिए हैं। खासकर ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में कई स्कूलों की इमारतें वर्षा के कारण कमजोर हो गई हैं, जिससे छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।
मौसम विभाग का अलर्ट और दुर्घटनाएं
भारतीय मौसम विभाग ने राजस्थान के इन जिलों में अगले 24 से 48 घंटे के दौरान भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। कई इलाकों में येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, पूर्वी राजस्थान के जिलों में मानसून की सक्रियता बनी हुई है, जिससे जलभराव और बाढ़ की स्थिति बन सकती है।
इसी बीच, बारिश जनित हादसों की खबरें भी सामने आई हैं। हनुमानगढ़ जिले के उदासर गांव में एक कच्चे मकान की छत गिरने से 4 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई, जबकि सीकर जिले में एक युवक की डूबने से जान चली गई। माउंट आबू में गुजरात का एक पर्यटक खाई में गिर गया, जिससे उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। प्रशासन ने इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।
राहत व बचाव के निर्देश
राज्य सरकार ने प्रभावित जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस और आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट मोड पर रखा जाए। जलभराव वाले क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए आवश्यक संसाधनों और वाहनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं। वहीं, चिकित्सा विभाग को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है ताकि किसी भी प्रकार की बीमारी या दुर्घटना की स्थिति में त्वरित उपचार की सुविधा मिल सके। जिला अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को चौकस रहने को कहा गया है।