शोभना शर्मा। आज लोकसभा में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 पर चर्चा की। इस चर्चा में उन्होंने विपक्ष द्वारा फैलाए जा रहे भ्रांतियों का खंडन किया और स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के धार्मिक क्रियाकलापों में दखल देना नहीं है।
विपक्ष की भ्रांतियाँ
अमित शाह ने कहा कि विपक्ष यह भ्रांति फैला रहा है कि यह विधेयक मुस्लिमों के धार्मिक क्रियाकलापों और उनके द्वारा दान की गई संपत्ति में दखल देने के लिए लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष अल्पसंख्यक समुदाय को डरा कर अपनी वोट बैंक खड़ी करने की कोशिश कर रहा है।
वक्फ का महत्व
वक्फ एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ है अल्लाह के नाम पर संपत्ति का दान। यह एक प्रकार का चैरिटेबल एंडोमेंट है, जहां कोई व्यक्ति धार्मिक या सामाजिक भलाई के लिए संपत्ति दान करता है। अमित शाह ने कहा कि वक्फ का समकालीन अर्थ इस्लाम के दूसरे खलीफा ओमर के समय में अस्तित्व में आया।
वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की भूमिका
गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि वक्फ बोर्ड में धार्मिक दान से जुड़े कार्यों में किसी गैर-इस्लामिक सदस्य को जगह नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि धार्मिक संस्थाओं के संचालन में गैर-मुस्लिम व्यक्ति रखने का प्रावधान नहीं है।
संपत्तियों की सुरक्षा
अमित शाह ने कहा कि वक्फ बोर्ड का काम वक्फ की संपत्तियां बेच खाने वालों को पकड़ना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वक्फ की आय कम होती जा रही है, जबकि वक्फ के पैसे से अल्पसंख्यक समुदाय का विकास होना चाहिए।
2013 का संशोधन और उसके प्रभाव
अमित शाह ने कहा कि अगर 2013 में वक्फ कानून में संशोधन नहीं किया गया होता, तो इस विधेयक को लाने की नौबत ही नहीं आती। उन्होंने बताया कि 2013 में रातों-रात तुष्टीकरण की खातिर वक्फ कानून को एक्सट्रीम बना दिया गया था, जिसके कारण कई संपत्तियां वक्फ को दे दी गईं।
पारदर्शिता और ऑडिट
गृह मंत्री ने कहा कि मौजूदा विधेयक से पारदर्शी ऑडिट हो सकेगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने अपने संशोधन में लिखा था कि वक्फ बोर्ड के ऑर्डर को कोर्ट में चैलेंज नहीं कर सकते, लेकिन सच यह है कि इसे अदालत में चुनौती देने का प्रावधान है।
अल्पसंख्यक समुदाय का डर
अमित शाह ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों में भय पैदा करना एक फैशन बन गया है। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि, ट्रिपल तलाक और CAA के समय भी मुस्लिम समुदाय के लोगों में भय पैदा करने की कोशिश की गई, लेकिन मुस्लिम समुदाय भी जानता है कि भय की कोई बात नहीं है।
अमित शाह ने कहा कि यह विधेयक ज़मीन की सुरक्षा प्रदान करेगा और किसी की ज़मीन घोषण मात्र से वक्फ नहीं बनेगी। उन्होंने कहा कि दान तो सिर्फ अपनी संपत्ति का ही किया जा सकता है, इसीलिए स्वामित्व के बिना वक्फ निजी संपत्ति नहीं ले पाएगा।
अमित शाह ने लोकसभा में वक्फ विधेयक पर चर्चा करते हुए स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदाय के धार्मिक अधिकारों की सुरक्षा करना है और वक्फ संपत्तियों के उचित प्रबंधन को सुनिश्चित करना है।