शोभना शर्मा। भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल और करिश्माई बल्लेबाजों में से एक विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उन्होंने सोमवार को इंस्टाग्राम पर एक भावनात्मक पोस्ट के जरिए अपने फैसले की घोषणा की। यह खबर सामने आते ही न केवल क्रिकेट जगत में हलचल मच गई, बल्कि फैंस के दिलों को भी झकझोर दिया। बीसीसीआई ने इसे ‘एक युग का अंत’ बताया, जबकि उनके करीबी दोस्त और दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान एबी डिविलियर्स ने उन्हें ‘सच्चा लीजेंड’ करार दिया।
इंस्टाग्राम पर कोहली की घोषणा: दिल को छू लेने वाला संदेश
विराट कोहली ने अपनी पोस्ट में लिखा, “टेस्ट क्रिकेट में पहली बार मैंने बैगी ब्लू जर्सी 14 साल पहले पहनी थी। ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि यह फॉर्मेट मुझे इस तरह के सफर पर ले जाएगा। इसने मेरी परीक्षा ली, मुझे पहचान दी और मुझे ऐसे सबक सिखाए, जिन्हें मैं जीवन भर साथ रखूंगा।”
उन्होंने आगे कहा, “सफेद जर्सी में खेलना मेरे लिए बहुत ही खास और निजी अनुभव रहा। परिश्रम, लंबे दिन, छोटे-छोटे पल जिन्हें कोई नहीं देखता, लेकिन ये अनुभव हमेशा आपके साथ रहते हैं। जब मैं इस फॉर्मेट से दूर जा रहा हूं, तो यह आसान नहीं है, लेकिन यह फिलहाल सही लगता है। मैंने इसमें अपना सबकुछ दिया है और इसने मुझे मेरी उम्मीद से कहीं ज्यादा दिया है।”
इस संदेश के अंत में विराट ने अपने टेस्ट जर्सी का नंबर ‘269’ लिखते हुए लिखा, “साइनिंग ऑफ।”
बीसीसीआई की प्रतिक्रिया: कोहली की विरासत अमर
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने विराट कोहली के फैसले पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और सोशल मीडिया पर लिखा, “टेस्ट क्रिकेट में एक युग समाप्त हो गया है, लेकिन विरासत जारी रहेगी। विराट कोहली ने भारतीय टीम के लिए जो योगदान दिया है, उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता।” बोर्ड ने उनके करियर की उपलब्धियों की सराहना करते हुए उन्हें टेस्ट क्रिकेट के आधुनिक दौर का महानायक बताया।
सूत्रों के अनुसार, कोहली ने 10 मई को ही बीसीसीआई को संन्यास की जानकारी दे दी थी। बोर्ड ने उनसे इस फैसले पर फिर से विचार करने का आग्रह भी किया था और 11 मई को एक अधिकारी ने उनसे व्यक्तिगत रूप से बातचीत की, लेकिन कोहली अपने निर्णय पर अडिग रहे।
प्रदर्शन में गिरावट या मानसिक थकावट?
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (दिसंबर 2024 – जनवरी 2025) में विराट कोहली का प्रदर्शन औसत रहा था। उन्होंने सीरीज में 23.75 की औसत से रन बनाए और 8 में से 7 बार ऑफ स्टंप की गेंदों पर आउट हुए। 9 पारियों में उन्होंने कुल 190 रन बनाए, जिसमें केवल एक शतक शामिल था। विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरता प्रदर्शन उनके फैसले का एक कारण हो सकता है, हालांकि कोहली ने मानसिक थकावट और आत्म-संतोष को प्रमुख वजह बताया है।
कोहली का टेस्ट करियर: आँकड़ों में बेमिसाल
विराट कोहली ने अपने 14 साल लंबे टेस्ट करियर में 123 टेस्ट मैच खेले। उन्होंने 30 शतक और 31 अर्धशतक बनाए और 7 दोहरे शतक भी उनके नाम दर्ज हैं। वह 2017 और 2018 में ICC टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर भी चुने गए थे। कोहली ने कप्तान के तौर पर भी भारतीय टीम को ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनकी कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसी की सरजमीं पर टेस्ट सीरीज हराई थी, जो भारतीय क्रिकेट इतिहास में मील का पत्थर मानी जाती है।
डिविलियर्स की भावुक प्रतिक्रिया: दोस्त और दिग्गज की तारीफ
कोहली के सबसे करीबी दोस्तों में से एक एबी डिविलियर्स ने उनके संन्यास पर एक भावनात्मक पोस्ट लिखा। उन्होंने कहा, “विराट कोहली एक सच्चे लीजेंड हैं। उनकी स्किल्स और समर्पण ने हमेशा मुझे प्रेरित किया है। उनका जुनून, नेतृत्व और खेल के प्रति सम्मान उन्हें खास बनाता है।”
डिविलियर्स ने प्यार से कोहली को ‘biscotti’ कहकर संबोधित किया, जिसका मतलब इटैलियन में बिस्कुट होता है। यह उनकी दोस्ती और परस्पर सम्मान का संकेत है।
क्रिकेट जगत की प्रतिक्रियाएं और फैंस की भावनाएं
कोहली के इस फैसले पर क्रिकेट की कई हस्तियों ने प्रतिक्रिया दी है। सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, रोहित शर्मा और अनिल कुंबले जैसे दिग्गजों ने उनकी टेस्ट क्रिकेट में दी गई सेवाओं को ऐतिहासिक बताया। सोशल मीडिया पर कोहली ट्रेंड कर रहे हैं और फैंस अपनी भावनाएं जाहिर कर रहे हैं। कई फैंस ने लिखा कि यह भारतीय क्रिकेट के एक सुनहरे अध्याय का समापन है।