मनीषा शर्मा। खेल पंचाट न्यायालय (CAS) ने भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की ओलंपिक 2024 में रजत पदक की अपील को खारिज कर दिया है, जिससे उनके प्रशंसकों में भारी निराशा फैल गई है। इस फैसले को ‘भारतीय खेलों के लिए काला दिन’ बताया जा रहा है। विनेश फोगाट, जो तीन बार की ओलंपियन और कई बार की स्वर्ण पदक विजेता हैं, ने अपनी अपील में 50 किलोग्राम वर्ग में अपने अयोग्य घोषित होने के फैसले को चुनौती दी थी।
विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक 2024 के अंतिम मुकाबले से पहले निर्धारित वजन सीमा से 100 ग्राम अधिक होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने खेल पंचाट न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने अपने अयोग्यता को चुनौती देते हुए संयुक्त रजत पदक की मांग की थी। हालांकि, बुधवार को न्यायालय ने उनके अनुरोध को खारिज कर दिया, जिससे उनके समर्थकों और खेल प्रेमियों में गहरी निराशा उत्पन्न हुई।
जैसे ही यह खबर सामने आई, सोशल मीडिया पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त कीं। कई लोगों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई, जबकि कुछ ने विनेश फोगाट के प्रति समर्थन जताते हुए उनके संघर्ष की सराहना की।
भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष पी टी उषा ने इस फैसले पर अपनी निराशा जाहिर करते हुए कहा, “पहलवान विनेश फोगाट की युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के खिलाफ दायर अपील पर खेल पंचाट के एकमात्र पंच के फैसले से स्तब्ध और निराश हूं।”
फोगाट ने वजन कम करने के लिए काफी संघर्ष किया, जिसमें उन्होंने पूरी रात मेहनत की, खाना-पीना सीमित कर दिया, और घंटों दौड़ने और जॉगिंग करने में बिताए। इसके बावजूद वह निर्धारित वजन सीमा से कुछ ग्राम अधिक होने के कारण अयोग्य घोषित कर दी गईं। उनके इस प्रयास को देखकर उनके समर्थकों में गहरी सहानुभूति और आक्रोश है।
विनेश फोगाट का नाम भारतीय कुश्ती में सम्मानित किया जाता है। उनके पास दो विश्व चैंपियनशिप कांस्य पदक, एक एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक और तीन राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक हैं। उनके प्रशंसकों के लिए यह फैसला निराशाजनक है, लेकिन उनकी उपलब्धियों को नकारा नहीं जा सकता।