मनीषा शर्मा। राजस्थान के अजमेर में स्थित आनासागर झील किनारे बने ‘सेवन वंडर’ को तोड़ने की कार्रवाई लगातार जारी है। अदालत के आदेश पर की जा रही इस ध्वस्तीकरण प्रक्रिया ने पूरे प्रदेश का ध्यान खींचा है। इस बीच, राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए प्रशासन को स्पष्ट संदेश दिया है कि केवल इमारत तोड़ना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि इसके साथ उस मिट्टी को भी हटाया जाना चाहिए जो निर्माण के दौरान झील में भरी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट और NGT के आदेशों का पालन
देवनानी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशों का पालन अनिवार्य है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आनासागर झील पर किए गए अतिक्रमण को पूरी तरह समाप्त किया जाए। उनका मानना है कि जब तक झील के वास्तविक जलग्रहण क्षेत्र को बहाल नहीं किया जाएगा, तब तक यह कार्रवाई अधूरी मानी जाएगी।
‘इमारत के साथ मिट्टी भी हटाई जाए’
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पिछले दो दिनों से सेवन वंडर को ढहाने की प्रक्रिया चल रही है। इससे पहले यहां बना फूड कोर्ट भी ध्वस्त किया गया था। लेकिन, केवल निर्माण तोड़ना ही पर्याप्त नहीं है। उनके अनुसार, निर्माण के लिए भरी गई मिट्टी को भी हटाया जाना चाहिए, क्योंकि मिट्टी हटने से ही झील का प्राकृतिक स्वरूप लौटेगा और जलस्रोत का संरक्षण संभव होगा।
देवनानी का कहना है कि यदि मिट्टी नहीं हटाई गई तो झील का जलग्रहण क्षेत्र अधूरा रह जाएगा और झील के पानी का स्तर प्रभावित होता रहेगा।
जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
इस अवैध निर्माण पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए देवनानी ने कहा कि ऐसी परियोजनाओं में जनता का पैसा खर्च किया गया और अब अदालत के आदेश पर इन्हें हटाना पड़ रहा है। यह सीधे-सीधे सरकारी लापरवाही का परिणाम है।
उन्होंने सरकार से मांग की कि जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी नियमों की अनदेखी करने की हिम्मत न करे। देवनानी का मानना है कि यदि सख्त कार्रवाई की जाएगी तो यह प्रशासनिक व्यवस्था में अनुशासन और जवाबदेही दोनों को बढ़ाएगी।
भविष्य के लिए निर्देश
विधानसभा अध्यक्ष ने प्रशासन को यह भी निर्देश दिया कि भविष्य में आनासागर झील या किसी भी अन्य जलभराव वाले क्षेत्र में किसी भी प्रकार का अतिक्रमण न होने दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि उन्हें सतर्क रहते हुए निरंतर निगरानी करनी होगी, ताकि प्राकृतिक संसाधनों और जलस्रोतों की रक्षा हो सके।
अजमेर में स्थानीय स्तर पर प्रभाव
अजमेर का आनासागर झील क्षेत्र ऐतिहासिक और पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण है। सेवन वंडर जैसे अवैध निर्माण से न केवल झील की सुंदरता प्रभावित हुई, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन पर भी असर पड़ा। ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद स्थानीय लोगों में यह उम्मीद जगी है कि अब झील अपने मूल स्वरूप की ओर लौटेगी और जलभराव की समस्या से निजात मिलेगी।