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राजस्थान में वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान की शुरुआत

राजस्थान में वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान की शुरुआत

शोभना शर्मा। राजस्थान में जल संरक्षण को लेकर एक ऐतिहासिक पहल की गई है। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर प्रदेशभर में “वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान” की भव्य शुरुआत की गई। यह अभियान 5 जून से 20 जून तक चलेगा और इसका उद्देश्य है जल स्रोतों की सफाई, संरक्षण और जनजागरूकता को जन आंदोलन के रूप में स्थापित करना।

राजस्थान में इस अभियान की शुरुआत न केवल प्रतीकात्मक रूप से की गई, बल्कि जिलों में जन भागीदारी और परंपरागत विधियों के माध्यम से जल और पर्यावरण संरक्षण का प्रभावी संदेश भी दिया गया।

जोधपुर में जिला स्तरीय समारोह

जोधपुर जिले के बनाड़ क्षेत्र स्थित अमृत सरोवर पर जिला स्तरीय समारोह आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि शिक्षा और पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर, विशिष्ट अतिथि प्रभारी सचिव दिनेश शर्मा और अध्यक्ष राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत रहे। कार्यक्रम की शुरुआत सरोवर की पूजा-अर्चना और वृक्षारोपण के साथ की गई।

मंत्री मदन दिलावर ने कहा, “जल ही जीवन है। हमें अपने पारंपरिक जल स्रोतों की न केवल पूजा करनी चाहिए बल्कि उन्हें पुनर्जीवित करने के प्रयास भी करने चाहिए।” उन्होंने जल स्तर में हो रही गिरावट को चिंता का विषय बताया और कहा कि यह अब चेतावनी बन चुकी है।

राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत ने कहा कि “वृक्षारोपण, जल-संरक्षण और प्लास्टिक के उपयोग से बचाव ही पर्यावरण संतुलन बनाए रखने का मूलमंत्र है।”

राजसमंद में उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने की शुरुआत

राजसमंद जिले में झील की इरिगेशन पाल पर आयोजित कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने अभियान का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में विधायक दीप्ति माहेश्वरी, कलेक्टर बालमुकुंद असावा और पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारी व सैकड़ों नागरिक मौजूद रहे।

एक भव्य कलश यात्रा के माध्यम से महिलाओं और बच्चों ने पारंपरिक परिधानों में जल संरक्षण का संदेश दिया। यह यात्रा न केवल सांस्कृतिक समर्पण का प्रतीक बनी, बल्कि जन सहभागिता का शानदार उदाहरण भी बनी।

नागौर में तालाब पूजन और रन फॉर इनवायरमेंट

नागौर में जिला प्रभारी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने अभियान की शुरुआत तालाब पूजन और “रन फॉर इनवायरमेंट” के माध्यम से की। जड़ा तालाब पर विधिवत पूजा की गई, जिससे यह संदेश दिया गया कि जल स्रोतों के प्रति श्रद्धा और संरक्षण दोनों आवश्यक हैं।

इसके साथ ही सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई जिसमें अधिकारियों ने अभियान की कार्ययोजना साझा की। मंत्री चौधरी ने कहा कि “यह अभियान केवल सरकार का नहीं बल्कि जन-जन का आंदोलन बने, यही उद्देश्य है।”

बाड़मेर में मैराथन और जनजागरूकता

रेगिस्तानी जिला बाड़मेर में “वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान” की शुरुआत जोरदार मैराथन दौड़ के साथ हुई। इस मैराथन में बीएसएफ जवानों, स्कूली बच्चों, युवाओं और आम नागरिकों ने भाग लिया।

जिला मुख्यालय से जसदेर धाम तालाब तक आयोजित इस दौड़ को प्रभारी मंत्री जोराराम कुमावत, चौहटन विधायक आदूराम मेघवाल, जिला कलेक्टर टीना डाबी और अन्य अधिकारियों ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

दौड़ के समापन पर तालाब पर पूजा-अर्चना की गई। इस मौके पर प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. रूमादेवी सहित कई महिलाएं भी शामिल हुईं।

जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाने का उद्देश्य

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश सरकार इस अभियान को जन आंदोलन के रूप में विकसित करना चाहती है। इसका उद्देश्य है—

  • जल स्रोतों की सफाई

  • अतिक्रमण हटाना

  • वृक्षारोपण

  • वर्षा जल संचयन

  • पारंपरिक जल संरचनाओं का पुनरुद्धार

मुख्यमंत्री का मानना है कि राजस्थान की परंपरागत जल संस्कृति को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है, क्योंकि यह न केवल भविष्य के लिए आवश्यक है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा भी है।

 

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