शोभना शर्मा। राजस्थान के जोधपुर जिले में रेलवे का एक बड़ा प्रोजेक्ट आकार लेने जा रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे मंडल के अंतर्गत आने वाले भगत की कोठी रेलवे स्टेशन पर प्रदेश का पहला वंदे भारत स्लीपर कोच मेंटेनेंस डिपो स्थापित किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर करीब 200 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके साथ ही यहां एक बहुद्देश्यीय कार्यशाला और विश्वस्तरीय ट्रेनिंग सेंटर भी विकसित किया जाएगा।
रेलवे बोर्ड को इस महत्वाकांक्षी परियोजना का प्रस्ताव भेजा जा चुका है और बजट की स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य और तेज गति से शुरू कर दिया जाएगा। इस डिपो और ट्रेनिंग सेंटर के तैयार हो जाने से वंदे भारत समेत अन्य हाई स्पीड ट्रेनों का रखरखाव और संचालन अधिक व्यवस्थित और आधुनिक हो जाएगा।
विश्वस्तरीय तकनीक से ट्रेनिंग और मेंटेनेंस
जोधपुर मंडल के डीआरएम अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि इस डिपो का निर्माण 180 मीटर क्षेत्रफल में किया जा रहा है। यहां वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव से संबंधित वर्कशॉप, ट्रेनिंग सेंटर और अन्य आवश्यक सुविधाएं विकसित होंगी। निर्माण कार्य को तेजी से पूरा करने के लिए प्री-फेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे इमारत जल्दी तैयार हो सकेगी।
इस ट्रेनिंग सेंटर में इंजीनियरों और रेलवे कर्मचारियों को हाई स्पीड ट्रेनों की मशीनरी, उपकरण और तकनीकी संचालन का गहन प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे भारतीय रेलवे के तकनीकी ढांचे को और मजबूत करने में मदद मिलेगी।
बिजली और आधुनिक सुविधाओं का प्रावधान
प्रस्तावित बजट में डिपो और ट्रेनिंग सेंटर क्षेत्र में 32 केवी जीएसएस बिजली आपूर्ति सहित आधुनिक सुविधाओं को भी शामिल किया गया है। इससे वर्कशॉप और ट्रेनिंग सेंटर में निर्बाध बिजली उपलब्ध रहेगी और हाई स्पीड ट्रेनों के रखरखाव के लिए आवश्यक उपकरणों का संचालन सुचारू रूप से हो सकेगा।
इंजीनियरिंग डिपो का स्थानांतरण
इस परियोजना को सफल बनाने के लिए भगत की कोठी स्थित इंजीनियरिंग डिपो को स्थायी रूप से बनाड़ रेलवे स्टेशन क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया है। इससे वंदे भारत मेंटेनेंस डिपो और कार्यशाला के लिए लगभग 780 मीटर क्षेत्रफल उपलब्ध हो गया है। इस स्थान का उपयोग हाई स्पीड ट्रेनों की तकनीकी जरूरतों और रखरखाव कार्यों के लिए किया जाएगा।
हाई स्पीड रेल का महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा जोधपुर
जोधपुर में विकसित हो रहा यह मेंटेनेंस डिपो और ट्रेनिंग सेंटर भारतीय रेलवे के लिए नई उपलब्धि साबित होगा। इसमें अलग-अलग तकनीकी और परिचालन विभाग स्थापित किए जाएंगे, जहां विशेषज्ञ ट्रेनिंग और रिसर्च पर काम करेंगे। इससे जोधपुर आने वाले समय में हाई स्पीड रेल नेटवर्क का अहम केंद्र बन जाएगा।
डीआरएम अनुराग त्रिपाठी के अनुसार, “डिपो के शुरू हो जाने के बाद वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का संपूर्ण रखरखाव यहीं होगा। इससे ट्रेनों के परिचालन में तेजी, विश्वसनीयता और यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी। साथ ही, यह डिपो भारतीय रेलवे पर अपनी तरह का पहला केंद्र होगा, जो भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार होगा।”
रेलवे की दक्षता और सेवा गुणवत्ता में बढ़ोतरी
इस प्रोजेक्ट से न केवल वंदे भारत ट्रेनों का रखरखाव आसान होगा, बल्कि सेवा की गुणवत्ता और परिचालन की दक्षता भी बढ़ेगी। यात्रियों को समय पर और सुगम यात्रा अनुभव देने में यह डिपो अहम भूमिका निभाएगा।