शोभना शर्मा। अजमेर के ऐतिहासिक दरगाह में आयोजित हो रहे उर्स के दौरान शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से चादर पेश की जाएगी। इस चादर को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री किरेन रिजिजू पेश करेंगे। प्रधानमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को यह चादर पहले ही सौंप दी है। इस अवसर को खास और सुरक्षित बनाने के लिए जिला पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने पुख्ता इंतजाम किए हैं।
चादर पेश करने की प्रक्रिया
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू शनिवार को अजमेर पहुंचकर दरगाह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से चादर पेश करेंगे। यह परंपरा हर साल उर्स के अवसर पर निभाई जाती है, जिसमें प्रधानमंत्री की ओर से चादर पेश की जाती है। चादर पेश करने का यह कार्यक्रम धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
दरगाह कमेटी का स्वागत नहीं
इस बार की खास बात यह है कि केंद्रीय मंत्री के स्वागत के लिए दरगाह कमेटी का कोई पदाधिकारी मौजूद नहीं होगा। इसका कारण यह है कि अल्पसंख्यक मामलात मंत्रालय ने पिछले दो वर्षों से दरगाह कमेटी का गठन नहीं किया है। स्थायी नाजिम का पद भी तीन साल से खाली है। ऐसे में केंद्रीय मंत्रालय के सचिव डॉक्टर चंद्रशेखर कुमार और उनका स्टाफ ही मंत्री के स्वागत के लिए अजमेर पहुंचेंगे।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
प्रधानमंत्री की चादर पेश किए जाने को लेकर सुरक्षा एजेंसियां और अजमेर जिला पुलिस पूरी तरह सतर्क हैं। दरगाह और उसके आसपास के क्षेत्र में कुल 73 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनमें से 57 कैमरे दरगाह परिसर में और 16 बाहरी क्षेत्र में सक्रिय हैं। इन कैमरों की फुटेज पर 24 घंटे नजर रखने के लिए अभय कमांड सेंटर और दरगाह थाने में विशेष टीमें तैनात की गई हैं।
एसपी वंदिता राणा के अनुसार, मेले की सुरक्षा के लिए इस बार करीब 5,000 पुलिसकर्मी और अधिकारी तैनात किए गए हैं। तीन शिफ्टों में आठ-आठ घंटे की ड्यूटी पर पुलिसकर्मियों को लगाया गया है। इसके साथ ही, सादा वर्दी में 50 पुलिसकर्मियों को भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में निगरानी के लिए तैनात किया गया है।
सादा वर्दी में निगरानी
सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त बनाने के लिए सादा वर्दी में तैनात 50 अफसर और जवान मेले के दौरान हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखेंगे। एसपी वंदिता राणा ने बताया कि प्रधानमंत्री की चादर को लेकर विशेष सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं, ताकि कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके।
कार्यक्रम की प्रतीक्षा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चादर पेश करने का यह कार्यक्रम धार्मिक आस्था और सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक है। अजमेर के उर्स में हर साल बड़ी संख्या में जायरीन पहुंचते हैं, और प्रधानमंत्री की चादर पेश किए जाने की परंपरा इस आयोजन को और भी खास बना देती है।