मनीषा शर्मा। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने देशभर की 157 यूनिवर्सिटीज को डिफॉल्टर घोषित कर दिया है। इसमें 108 सरकारी, 47 प्राइवेट और 2 डीम्ड यूनिवर्सिटीज शामिल हैं। इन यूनिवर्सिटीज में लोकपाल नियुक्त नहीं किए जाने के कारण यह कार्रवाई की गई है।
UGC द्वारा जारी डिफॉल्टर यूनिवर्सिटीज की सूची में मध्यप्रदेश 16 यूनिवर्सिटी के साथ पहले स्थान पर है। राजस्थान 14 यूनिवर्सिटी के साथ दूसरे स्थान पर है। इसके बाद उत्तर प्रदेश 12 यूनिवर्सिटी और पश्चिम बंगाल 10 यूनिवर्सिटी के साथ क्रमशः तीसरे और चौथे स्थान पर हैं।
इन यूनिवर्सिटीज ने UGC के तय नियमों और समय सीमा के अंदर लोकपाल की नियुक्ति नहीं की थी। लोकपाल की नियुक्ति नहीं करने के कारण ही इन्हें डिफॉल्टर घोषित किया गया है। इन यूनिवर्सिटीज को डिफॉल्टर का टैग तब तक लगा रहेगा जब तक वे लोकपाल की नियुक्ति नहीं कर लेते।
राजस्थान की जिन यूनिवर्सिटीज को डिफॉल्टर घोषित किया गया है उनमें शामिल हैं: बाबा आम्टे दिव्यांग यूनिवर्सिटी, जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी, महराज गंगा सिंह यूनिवर्सिटी बीकानेर, राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान यूनिवर्सिटी बीकानेर, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि यूनिवर्सिटी बीकानेर, कोटा यूनिवर्सिटी, विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी, अपेक्स यूनिवर्सिटी जयपुर, मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी, पेसिफिक मेडिकल यूनिवर्सिटी, प्रताप यूनिवर्सिटी, श्री कल्लाजी वैदिक यूनिवर्सिटी, जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी, और जे मनीष आदिवासी यूनिवर्सिटी।
यह स्पष्ट है कि इन यूनिवर्सिटीज को डिफॉल्टर टैग हटाने के लिए जल्द से जल्द लोकपाल की नियुक्ति करनी होगी।